Akelapan Shayari – दोस्तों बहुत से लोग जब उदास होते या फिर जब वह समस्या से घिरे होते तो वह सभी चीज से दूर हो कर खुद को अकेले कर लेते है क्योंकि उनको लगता की जब हम अकेले रहेंगे तो हमारा दुख कुछ कम होगा।
लेकिन है इसके विपरीत क्योंकि जब आप किसी को अपने दिल का हाल बताओगे ही नहीं तो आपका दिल का बोझ कैसे हल्का होगा। इस लिए आज हम आपके लिए कुछ Akelapan Shayari लेकर आए जो आपके पान को पूरी तरह से खतम कर देगी।
असल मे इन सभी शायरी मे आपको यह बताया जाएगा की कैसे आप आपके दुख को किसी से शेयर करके कम कर सकते हो क्योंकि अकेले पान मे केवल आप समस्या को बढ़ाओगे न की कम कर पाओगे इस लिए आप इन Akelapan Shayari in Hindi को जरूर पढ़ो।
तो आइए इन Akelapan Shayari को हम साथ – साथ पढ़ते और अपने अकेले पान को पूरी तरह से दूर करते है क्योंकि किसी समस्या के निपटने का कोई न कोई तरीका जरूर होता बस करना हमे ए होता की उसे हमे सही से खोजना पढ़ता है।
Akelapan Shayari in Hindi
अब आइए हम बात करेंगे कुछ खास स्पेशल Akelapan Shayari in Hindi की क्योंकि इन शायरी मे आपको बहुत से नए अनुभव मिलेंगे जो आपके लिए काफी कारगर होगा।
आगोश में ले लो मुझे बहुत अकेला हूँ मैं,
बसा लो दिल की धड़कन में अकेला हूँ मैं,
जो तुम नहीं ज़िन्दगी में तो फिर कुछ भी नहीं,
समा जाओ मुझमें कि अकेला हूँ मैं.,
इंसान सिर्फ एक कारण से अकेला पड़ जाता हैं,
जब उसके अपने ही उसे गलत समझने लगते हैं.,
तकलीफ तो जिंदगी देती हैं,
मौत को तो लोग युही बदनाम करते हैं.,
मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी शर्मिंदा हैं,
की ये शख्स सब कुछ हार गया, फिर भी जिन्दा हैं.,
कभी सोचा नहीं था, वो भी मुझे तनहा कर जाएगी,
जो परेशान देख कर अक्सर कहती थी, मैं हूँ ना.,
वो न ही मिलती तो अच्छा था,
बेकार में मोहब्बत से नफरत हो गई.,
हालात सिखाते है, बाते सूनना और सहना,
वरना हर शक्स फितरत से बादशाह ही होता है.,
मैंने सुना था की मोहब्बत तो सात जन्म तक साथ देती हैं,
लेकिन हमे तो इस जन्म में ही छोड़ कर चली गई.,
प्यार जितना ज्यादा होता है,
उतना ज्यादा प्यार रुलाता भी हैं.,
भरोसा रखना मेरी वफाओं पर,
दिल में बसा कर हम किसी को भूलते नहीं.,
बदलते हुए लोगो के बारे में आखिर क्या कहूँ मैं,
मैंने तो अपना ही प्यार किसी और का होते देखा हैं.,
क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगा कर कहे,
तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है.,
जो कहते थे मुझे डर है कहीं मैं खो न दूँ तुम्हे,
सामना होने पर मैंने उन्हें चुपचाप गुजरते देखा है.,
चुप रहना मेरी ताक़त है कमज़ोरी नहीं,
अकेले रहना मेरी चाहत है मजबूरी नहीं.,
फिर एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में,
की मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया.,
बस एक भूलने का हुनर ही तो नहीं आता,
वरना भूलना तो हम भी बहुत कुछ चाहते हैं.,
अब नींद से कहो हम से सुलह कर ले फ़राज़,
वो दौर चला गया जिसके लिए हम जागा करते थे.,
कोरा कागज़ था और कुछ बिखरे हुए लफ़्ज़,
ज़िक्र तेरा आया तो सारा कागज़ गुलाबी हो गया.,
हम तन्हाई में भी तुझसे बिछड़ जाने से डरते है,
तुझे पाना आभी बाकी है और खोने से डरते है.,
वो मुझे भूल ही गया होगा,
इतनी मुदत कोई खफा नहीं रहता.,
मुझे किसी को मतलबी कहने का कोई हक़ नहीं,
मैं तो खुद अपने रब को मुसीबतों में याद करता हूँ.,
मोहबत के सफ़र में नींद ऐसी खो गई,
हम न सोए रात थक कर सो गई.,
इस चार दिन की जिंदगी में,
हम अकेले रह गए,
मौत का इंतजार करते करते,
अकेलेपन से मोहब्बत कर गए.,
वो मुझे तनहा करके,
मेरा इम्तिहान लेने लगे,
वक्त का पता न चला,
हम भी तनहाई से मोहब्बत करने लगे.,
जिंदगी अकेले रह कर जीना हैं,
मतलब हर पल तुझे मरना हैं.,
लोग हम से नाराज़ होते हैं तो कोई बात नहीं,
अगर जिंदगी नाराज़ हो गयी तो जीना का मतलब नहीं.,
अकेला मरने के लिए तैयार हूँ
लेकिन अकेला जीने के लिए तैयार नहीं हूँ.,
वो इस चाह में रहते है हम उनको उनसे ही मांगे,
हम इस गुरूर में रहते है की हम अपनी ही चीज क्यों मांगे.,
फिर वोही रात वोही हम वोही तन्हाई है,
फिर हर एक चोट मोहब्बत की उभर आई है.,
तेरे प्यार की हिफाज़त कुछ इस तरह से की हमने,
जब कभी किसी ने प्यार से देखा तो नज़रे झुका ली हमने.,
Akelapan Zindgi Shayari
दोस्तों हो सकता की आप इन सभी Akelapan Shayari मे अपने जिंदगी से जुड़ी कोई खास शायरी को भी खोज रहे हो क्योंकि आज के समय मे बहुत से लोंग अपने जिंदगी से परेशान रहते इस लिए आज हम आपको कुछ Akelapan Zindgi Shayari भी बताएंगे।
मेरे दिल का दर्द किसने देखा जुम्हे बस खुदा ने तड़पते देखा,
हम तन्हाई में बैठे रोते है लोगो ने हमें महेफिलों में हस्ते देखा.,
वो भी तनहा रोती है और इधर खुश में भी नहीं,
सायद पियार की मंजिल यहाँ भी नहीं वहां भी नहीं.,
मेरी आँखों को देख कर एक साहिब एल्म बोला,
तेरी संजीदगी बताती है के तुझे हंसने का शोक था.,
बस में इतना जनता हूँ तेरे बिगैर,
ज़िन्दगी हयात नहीं मोअत निजत नहीं.,
मुस्कुराने की अब वजह याद नहीं रहती,
पाला है बड़े नाज़ से मेरे गमों ने मुझे.,
याद हैं मुझे मेरी गलती, एक तो मोहब्बत कर ली,
दूसरी तुमसे कर ली, तीसरी बेपनाह कर ली.,
बदलते हुए लोगो के बारे में आखिर क्या कहूँ मैं,
मैंने तो अपना ही प्यार किसी और का होते देखा हैं.,
उसकी मोहबत पे मेरा हक़ तो नहीं लेकिन,
दिल करता है के उम्र भर उसका इंतज़ार करू.,
वक़्त गूंगा नहीं, बस मौन हैं,
वक़्त आने पर बता देता हैं की किसका कौन हैं.,
ये इश्क प्यार मोहब्बत शौक अमीरों के हैं साहब,
हम गरीब तो बस खेलने के काम आते हिं इनके.,
बहुत भीड हो गई है लोगों के दिलों में,
इसलिए आजकल हम अकेले ही रहते हैं.,
हालात सिखाते है, बाते सूनना और सहना,
नहीं तो हर शक्स फितरत से बादशाह ही होता है.,
खुदा जाने यह कैसी रहगुजर है, किसकी तुरबत है,
वो जब गुज़रे इधर से गिर पढ़े दो फूल दामन से.,
तन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगा,
पर महफ़िल मे अकेला रहा ना जाएगा,
उनका साथ ना हो फिर भी जिया जाएगा,
पर उनका साथ कोई और हो ये सहा ना जाएगा.,
चल साथ की हसरत दिल-ए-महरूम से निकले,
आशिक़ का ज़नाज़ा है ज़रा धूम से निकले.,
चरागार अपने तो मसरूफ़ बादील है लेकिन,
कोई तकदीर के लिखे को मिटा सकते है.,
आपको कुछ खबर है आप जब जाने लगे,
आपके बीमार का उस वक़्त क्या आलम हुआ.,
महफ़िल मे नही तो तन्हाई मे फरियाद करोगे,
हमारे जैसा ना कही मिला है ना मिलेगा,
आजमा कर देखो किस्मत पे नाज़ करोगे.,
क्यू दिल की बेकरारिया बॅड जाती हैं,
जब सामने मनचाहा कोई होता है,
धीरे से दिल के कोने मे हसरातो का,
एक सेलाब जाने क्यू उमड़ आता है.,
खुदा मालूम यह गोर-ग़रीबा कैसी बस्ती है,
की आबादी बढ़ी जाती है वीरानी नही होती.,
मुश्किल नज़र आता है गला काट के मारना,
आख़िर यह मुहिन भी तेरे जाबाज ने सर की.,
करीब आओ की आस हो नाज की मुश्किल,
दम-ए-आख़िर है, अब वक़्त-ए-इंतेहा न रहा.,
आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को,
तो समहाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को.,
अकेलेपन से दिल जाने क्यूँ घबरा रहा है,
मुझें वो तेरी बातें फिर से याद दिला रहा है.,
तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैं,
मगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया हैं.,
सुन क्यूं तू मुझे हर मोड़ पर मिल जाती है,
थोड़ी दूर साथ चल कर फिर तू अकेला छोड़ जाती है.,
भीड़ में ये अकेलापन मुझसे मिलने जब आया,
क्या है ये अकेलापन मुझे समझ में तब आया.,
किसी के दर्द में वो भी अपने ग़मों की झलक पाता है,
बूढ़ा लाचार इंसान अक्सर अकेला ही रह जाता है.,
कौन कहता है जनाब ये अकेलापन खलता है,
जब जिंदगी की समझ हो जाए तो खुद का साथ भी भाता है.,
कैसे बताऊं क्यूँ तेरी ये यादें यु चली आती हैं,
कैसे बताऊं क्यूँ मुझे ये आके इतना रूला जाती हैं.,
Shayari on Akelapan
अब आइए कुछ खास Akelapan shayari पढ़ने की भी बारी है क्योंकि जिंदगी मे जब तक किसी काम को करने का कोई खास मकसद न हो तब तक सब बेकार है। इस लिए अब हम आपको कुछ shayari on akelapan भी पढ़ाएंगे।
जनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तां,
जिसकी फितरत में ही अकेलापन होता है.,
अकेलापन क्या होता है यह कोई ताजमहल से पूंछे,
देखने के लिए पूरी दुनिया आती हैं मगर रहता कोई नहीं है.,
दोस्तों हर एक कहानी होती है,
किसी की पूरी तो किसी की अधूरी होती है.,
अब मुझे रास आ गया है अकेलापन,
अब आप अपने वक्त का अचार डालिए.,
वो लोग अक्सर अकेले रह जाते हैं,
जो खुद से ज्यादा दूसरों की फिक्र करते हैं.,
मेरे ना हो सको तो कुछ ऐसा कर दो,
मैं जैसी थी मुझे फिर से वैसा कर दो.,
खुदा जाने यह कैसी रहगुजर है, किसकी तुरबत है,
वो जब गुज़रे इधर से गिर पढ़े दो फूल दामन से.,
वो तुम्हारे नज़रिए से अकेलापन हो सकता है,
पर मेरे नज़रिए से देखो वो मेरा सुकून है.,
एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक,
जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा.,
खुद में काबलियत हो तो भरोसा कीजिये साहिब
सहारे कितने भी अच्छे जो साथ छोड़ जाते है.,
ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में “यारो” बहुत घाटा है.,
उदासियों का ये मौसम बदल भी सकता था,
वो चाहता तो मेरे साथ चल भी सकता था.,
अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है,
कोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है.,
अकेले-पन भी हमारा ये दूर करती है,
कि रख के देखो ज़रा अपने पास तस्वीरें.,
अकेला मरने के लिए तैयार हूँ,
लेकिन अकेला जीने के लिए तैयार नहीं हूँ.,
तुझे ज़िन्दगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भूल जाना भी मुश्किल है.,
सूने घरों में रहने वाले कुंदनी चेहरे कहते हैं,
सारी सारी रात अकेले-पन की आग जलाती है.,
जज्बातो में ढल के यूँ दिल में उतर गया,
बन के मेरी वो आदत, अब खुद बदल गया.,
किसी हालत में भी तन्हा नहीं होने देती,
है यही एक ख़राबी मिरी तन्हाई की.,
लोग हम से नाराज़ होते हैं तो कोई बात नहीं,
अगर जिंदगी नाराज़ हो गयी तो जीना का मतलब नहीं.,
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है,
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है.,
उस की जुस्तजू, इंतज़ार और अकेलापन,
थक कर मुस्कुरा देता हूँ जब रोया नहीं जाता.,
अकेले-पन का ‘अज़्मी’ हो भी तो एहसास कैसे हो,
तसलसुल से हमारी शाम-ए-तन्हाई सफ़र में है.,
हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,
हर याद पे दिल का दर्द ताज़ा हुआ.,
सितम समझे हुए थे हम तेरी बेइंतही को,
मगर जब गौर से देखा तो एक लुत्फ़-ए-निहा पाया.,
बहुत मोहब्बत है तन्हाई को मुझसे,
सब छोड़ जाते हैं इस तन्हाई के अलावा.,
मेरे मरने पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं होगा,
बस तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफ़र चला गया.,
शीशे का ये दिल टूट रहा था,
हम उन्हे ना ढूँढते तो क्या करते,
एहसास हुआ जब हमें उनसे दूर होने का,
हम रो कर अपनी आँख ना सुजाते तो क्या करते.,
Conclusion
यही सभी Akelapan Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व New Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।