Aukat Shayari – दोस्तों आज हम आपको कुछ स्पेशल Aukat Shayari पढ़ाएंगे जो आपको बहुत अधिक पसंद आएगी क्योंकि यह Aukat Shayari आप अपने फोटो पर इस्तेमाल कर सकते हो क्योंकि यह कोई ऐसी वैसी शायरी नहीं बल्कि यह औकात शायरी बड़े – बड़े लोगों को उनकी खुद की औकात याद दिलाने वाली शायरी है।
इस लिए आप अगली बार जब भी कोई फोटो पोस्ट करो अपने सोशल मीडिया पर उस समय आप इन Teri Aukat Shayari को अपने स्टैटस पर लगा सकते हो दूसरे लोगों मे आपका रुतबा और अधिक बढ़ जाएगा।
इस लिए आइए बिना समय को बेकार करे हम आपको यह Aukat Shayari पढ़ाने जा रहे जिसे पढ़ने के साथ – साथ आप अपने फोटो पर भी इस्तेमाल कर सकते है।
Aukat Shayari in Hindi
अब आइए इन सभी Aukat Shayari in Hindi को सही से पढ़ा जाए और उन लोगों को भी पढ़ाया जाए जो आज के समय मे अपनी औकात से बाहर आते जा रहे तो आइए पढे इन सभी Aukat Shayari को बिना समय बर्बाद करे।
मिला हूँ खाक में ऊँची मगर औकात रखी है,
तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रखी है,
भले ही पेट की खातिर कहीं दिन बेच आया हूँ,
तुम्हारी याद की खातिर भी पूरी रात रखी है.,
अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो,
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो,
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते क्यों हो,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो.,
अकड बहुत है हमने माना,
तोड दूंगा हमे मत दिखाना.,
बंदूक की गोली नही सिर्फ मुँह के,
अलफाज काफी है लोगो को उडाने के लिए.,
उस बेवफा की हरकत ध्यान मे रखो,
अब आने वाले लोगो को औकात मे रखो.,
मुझे मासूम समझने वालो,
मेरी ख़ामोशी तुम्हारी मौत है.,
हम बड़े हमारे शौक बडे और,
तुम जैसे तो यहा लाखो है पडे.,
मै अपनी अक्कड का दीवाना हूँ,
मोहब्बत मेरे पल्ले नहीं पड़ती.,
हमे बुरा मत समझना जनाब,
हम गालिया देते नहीं लिखते है.,
तुझे नाही ब्लॉक किया,
और ना कभी करेंगे,
तुझे तो अपना स्टेटस,
दिखा-दिखा कर जलाएंगे.,
काम तो मै भी शरीफों वाले करता हूँ,
बस तेवर और तरीका गुंडो वाला है.,
नही चाहिए जो मेरी किसमत मे नही,
भीक मांग कर जीना मेरी फितरत मे नही.,
बेटा दिल खोलकर बुराई कर मेरी क्यूंकी बुराई,
वही लोग करते है जो बराबरी नहीं कर सकते.,
गुरुर नही है बस जहां दिल न करे,
वहा जबरदस्ती बात करने की आदत नही.,
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ,
जिनकी हमे छूने की औकात नहीं होती.,
औकात दिखा देती है एक दिन मोहब्बत भी,
इसलिए खुद से ज्यादा चाहत किसी की मत रखना.,
मेरी औकात से बढ़ कर,
मुझे कुछ न देना मेरे मालिक,
क्योंकि रोशनी भी अगर जरुरत से ज्यादा हो,
तो इंसान को अँधा बना देती है.,
औकात नहीं थी ज़माने में जो हमारी कीमत लगा सके,
कम्बख्त इश्क़ में क्या गिरे मुफ्त में नीलाम हो गए.,
बुरे वक़्त के साथ जो मैंने अपनी मुलाकात देख ली,
किसी की सच्चाई और किसी की औकात देख ली.,
जिसे निभा न सकूँ ऐसा वादा नहीं करता,
दावा कोई औकात से ज्यादा नहीं करता.,
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ,
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती.,
दौलतसे औकातनापी जाएजहाँ,
क्याइंसान कीकद्र होगीवहाँ.,
इज्ज़तदोगे तोइज्ज़त पाओगे,
औकातदिखाओगे तोबड़ा पछताओगे.,
दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो,
वफ़ा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब होते हैं.,
चलो हम भी अपना हुनर आजमाते है,
तुम तीर आजमाना हम जिगर आजमाते है.,
हमारी शराफत का यूँ कतरे कतरे से फायदा मत उठाओ,
कयामत आ जाएगी जब हम बदमाशी पर होंगे.,
सुन छोटे हमसे उलझना इतना ही आसान होता,
तो आज पूरी दुनिया में नाम मेरा नहीं तेरा बदनाम होता.,
मुझे समझना इतना आसान नहीं हैं,
मैं संस्कृत का अर्थात हूं गणित का सूत्र नहीं.,
वक़्त और किस्मत पर कभी घमंड मत करो,
सुबह उनकी भी होती है जिन्हें कोई याद नहीं करता.,
परवाह नहीं चाहे जमाना कितना भी खिलाफ हो,
हिसाब सबका होगा चाहे कोई कितना भी बढ़ा बदमाश हो.,
Meri Aukat Nahi Shayari
दोस्तों अब आइए आपको हम यह Meri Aukat Nahi Shayari हम पढ़ाने जा रहे जो आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगी क्योंकि यह सभी शायरी Aukat Shayari से मिली जुली है।
मेरे जेब में जरा सा छेद क्या हो गया,
सिक्के से ज्यादा तो रिश्ते गिर गए.,
रूबरू होने की तो छोङिये, लोग गूफ्तगू से भी कतराने लगे हैं,
गुरूर आेढ़े हैं रिश्ते, अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं.,
औकात नहीं है,
दुश्मनो की आँख से आँख मिलाने की,
और साले बात करते है घर से उठाने की.,
बात तो औकात की होती है जिंदगी में अक्सर,
कोई बता जाता है, कोई दिखा जाता है.,
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ,
जिनकी हमे छुने की औकात नहीं होती.,
लोग बातों ही बातों में,
हालात पूछ लेते हैं,
कितना कमा लेते हो कहकर,
औकात पूछ लेते हैं.,
कुछ लोग इस तरह जीने का सलीका सिखाते है,
औकात में रहूं इसीलिए औकात दिखाते है.,
मालूम है मुझे मेरी औक़ात,
हर बार क्यों दिखाते हो,
छोड़ना है तो छोड़ ही जाओ न,
यूँ हर बार क्यों सताते हो.,
जो इन्तिकाम लेने उतरूँ मैं,
तो अपनी कलम से तेरी औकात बता दूं.,
औकात तो उनकी मुंह लगाने की भी ना थी,
हम तो उनसे दिल लगा बैठे थे.,
औकात जो नाप रहे हो ज़ुबान की धार से,
ज़रा ख़ुद में झाँक लो ज़मीर के दीदार से.,
चाँद तारों पर पहुंचने का क्यों गुमां करता है तू ए इंसान,
मत भूल कभी के दो मुठ्ठी रेत से ज्यादा तेरी औकात नहीं.,
हम ने देखा है ज़माने का बदलना लेकिन,
उनके बदले हुए #तेवर देखे नहीं जाते.,
तेवर और जेवर सम्हाल के रखने की चीज है,
यूँ बात बात में हर किसी को दिखाये नहीं जाते.,
सोने के जेवर ओर हमारे तेवर, लोगो को अक्सर बहोत मेंहगे पडते हे.,
झुकता वही है जिसमें जान होती है, #अकडना तो लाश की पहचान होती है.,
जिन तूफानों में लोगो के झोपड़े उड़ जाते है, उन तूफानों में तो हम कपड़े सुखाते हैं.,
सभी हीरो नहीं बन सकते। हीरों के गुजरने पर तालियां बजाने के लिए भी तो, कुछ लोगों की जरूरत पड़ती है.,
किसी ख्वाब की इतनी भी औकात नहीं की जिसे देखे और वो पूरी ना हो.,
इश्क़ में अमीरी-ग़रीबी देखी नहीं जाती है,
क्योंकि औकात से मोहब्बत की नहीं जाती है.,
औकात देखकर जरूरते भी सिमट जाती है,
जेब में पैसा न हो तो भूख भी मिट जाती है.,
नज़रों से घमण्ड का पर्दा भी हटाएगा,
वक़्त ही तुझे तेरी औक़ात दिखाएगा.,
दौलत से औकात नापी जाए जहाँ,
क्या इंसान की कद्र होगी वहाँ.,
ये इंसान भी कितने अजीब काम करता है,
मिट्टी की औक़ात लेकर दौलत पर गुमान करता है.,
कुछ लोग अपनी औक़ात दिखा देते हैं,
गिराने की फ़िराक़ में बस इल्जाम लगा देते हैं.,
तुम मुझे अपनी औकात क्यों दिखाते हो,
जिनके पास होती है वो कुछ करके दिखाते है.,
बनाने वाले ने एक समान जिस्म बनाया,
फिर ये ‘औकात’ इंसान का कहाँ से आया.,
पत्थर-सा दिल, उसमें जज़्बात नहीं,
सुन बेवफा! तेरे ‘इश्क़’ की औक़ात नहीं.,
औकात की बात वही करते है,
जिनकी कोई औकात नहीं होती है.,
मेरी औकात दिखा रहे हो,
जल्दी अमीर हुए हो क्या,
गुरूर तुम सा ही था मेरा,
पर देखो मेरा हाल है क्या.,
Teri Aukat Shayari
इसी बीच आइए आपको हम यह Teri Aukat Shayari भी आपको पढ़ाने जा रहे जो आपको अधिक पसंद आएगी और जिसे आप पढ़ाने के बाद अपने दोस्तों मे शेयर भी कर सकते हो तो आइए पढे इन सभी Aukat Shayari की खास शायरी को बिना परेशानी।
कितने कमजर्फ है ये गुब्बारे,
चन्द सांसो में फूल जाते है,
नीच को जब उरूज (तरक्की) मिलता है,
अपनी औकात भूल जाते है.,
अब मैं तुझे अपने शब्दों में जगह दूँ,
ऐसी तुझमे कोई बात नहीं,
अब मैं तेरे बारे में लिखू,
इतनी तेरी औकात नहीं.,
अपनी औकात भूल जाए,
इतने अमीर भी नहीं है हम,
और तुम हमें हमारी औकात बताओ,
इतने फ़क़ीर भी नहीं है हम.,
बुरे वक्त की भी क्या बात होती है,
वो भी सलाह देता है जिसक कोई औकात नहीं होती है.,
खुद कुछ करके दिखाने की औकात नहीं,
औरो में कमियां निकालने का कोई फायदा नहीं.,
बिगड़े वक्त में सच्चा दोस्त ही हालात पूछता है,
वरना हर कोई सबसे पहले औकात पूछता है.,
मेरी दौलत को जो मेरी औकात समझता है,
शायद वो दोस्त मुझको नहीं समझता है.,
जब दुश्मनों की दुश्मनी अच्छी लगने लगती है,
तो दुश्मनों को अपनी औकात पता लगने लगती है.,
इंसानी जिस्म महज मिट्टी और धूल है,
औकात, दौलत, अकड़ महज इंसानी भूल है.,
औकात तो उसकी बड़ी होती है साहब,
जो गरीबों से भी इज्जत से बात करें.,
औकात नहीं थी जमाने की,
जो मेरी कीमत लगा सके,
कम्बख्त इश्क़ में क्या गिरे,
मुफ़्त में नीलाम हो गए.,
ना कर जिद, अपनी औकात में रह ऐ दिल,
वो बड़े लोग है अपने शौक से याद करते है.,
गरीबों की औकात ना पूछो तो अच्छा है,
इनकी कोई जात न पूछो तो अच्छा हैं.,
अपनों ने हमारी औकात बताई थी,
हमने तो शराफ़त से हुनर दिखाई थी.,
काम निकल जाए तो औकात दिखते है लोग,
वरना पाँव पकड़कर गिड़गिड़ाते है लोग.,
जो दिखाया जाए वो औकात नहीं,
बिना बोले पता चल जाए वही औकात है.,
आँच क्या लगी दूध उबाल खाने लगा,
एक बूँद पानी ने उसकी औकात दिखा दी.,
जिनकी औकात नहीं आँख से आँख मिलाने की,
अब वो भी बात करने लगे है घर से उठाने की.,
मेरी शराफत से लोगों को इतनी जलन है,
कि वो अपनी औकात दिखाने लगते है.,
बात जब हुनर की होती है
तो वो अपनी दौलत दिखाने लगते हैं.,
औकात दिखाने के चक्कर में हर कोई दुखी है,
जो शराफ़त से जी रहा है वहीं सुखी है.,
Aukat Status
इन औकात शायरी के साथ – साथ आपको हम यह स्पेशल Aukat Status भी पढ़ाएंगे क्योंकि किसी को अगर औकात याद दिलनी हो तो उसे अलग – अलग तरीके से याद दिलाया जा सकता है। इसी के लिए यह Aukat Shayari आपके लिए पेश है।
मेरी औकात से बाहर,
मुझे कुछ न देना मेरे मालिक क्योंकि,
ज़रूरत से ज़्यादा रोशनी भी,
इंसान को अंधा बना देती है.,
शाखों से गिर कर टूट जाऊ, मै वो पत्ता नही
आंधियो से कह दो कि अपनी औकात मे रहें.,
मिला हूँ ख़ाक में ऊँची मगर औकात रखी है,
तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रखी है,
भले ही पेट की खातिर कहीं दिन बेच आया हूँ,
तुम्हारी याद की खातिर भी पूरी रात रखी है.,
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ.
जिनकी हमे छुने की औकात नहीं होती.,
वो मेरी न हुई तो ईसमेँ हैरत की कोई बात नहीँ,
क्योँकि शेर से दिल लगाये बकरी की ईतनी औकात नही.,
वैसे तो पूरी दुनिया हमारी दीवानी है,
हाँ भूल गए है कुछ लोग औकात अपनी,
वक्त रहते उन्हें उनकी औकात याद दिलानी है.,
मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ,
वो उतनी ही कर सकी वफ़ा जितनी उसकी औकात थी.,
औकात दिखा देती है एक दिन मोहब्बत भी,
इसलिए खुद से ज्यादा चाहत किसी की मत रखना.,
तेरी तो इतनी भी औकात नहीं,
की तुझसे नफरत करूँ,
ना जाने कैसे मोहब्बत हो गई.,
झूठ इसलिए बिक जाता है क्योंकि,
सच को खरीदने की सबकी औकात नहीं होती.,
खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धुल का,
मगर दो बून्द बारिश ने औकात बता दी.,
ऐ दिल तू ज़रा कम ही हसरतें पाला कर,
बस तू अपनी औकात के हिसाब के ख्वाब देखा कर.,
अब मैं तुझे अपने शब्दों में जगह दूँ,
ऐसी तुझमे कोई बात नहीं,
अब मैं तेरे बारे में लिखू,
इतनी तेरी औकात नहीं.,
वो बार बार औकात की बात करता है,
इसे वक़्त के बारे में बता दो कोई.,
बुरे वक़्त के साथ जो मैंने अपनी मुलाकात देख ली,
किसी की सच्चाई और किसी की औकात देख ली.,
अपनी औकात भूल जाए,
इतने अमीर भी नहीं है हम,
और तुम हमें हमारी औकात बताओ,
इतने फ़क़ीर भी नहीं है हम.,
मेरी औकात से बढ़ कर,
मुझे कुछ न देना मेरे मालिक,
क्योंकि रोशनी भी अगर जरुरत से ज्यादा हो,
तो इंसान को अँधा बना देती है.,
एड़िया उठा कर चलने से कद नहीं बढ़ता,
रकीबों से कह दो, अपनी औकात मे रहें.,
औकात नहीं थी ज़माने में जो हमारी कीमत लगा सके,
कम्बख्त इश्क़ में क्या गिरे मुफ्त में नीलम हो गए.,
कितने कमजर्फ है ये गुब्बारे,
चन्द सांसो में फूल जाते है,
नीच को जब उरूज मिलता है,
अपनी औकात भूल जाते है.,
जूते फटे पहन आकाश पे चढ़े थे,
सपने हमेशा हमारे औकात से बङे थे.,
मोहब्बत तू मुझे अपनी औकात तो बता,
तू ना ही लफ्जों में पूरी होती है न हकीकत में.,
आज हमसे वो पूछ रहे है हमारी औकात,
जो हमारी रहमतों के कर्जदार आज भी हैं.,
हर सम्त रौशनी थी मुझे पूछता भी कौन,
बुझते हुए च़राग़ की औक़ात कुछ नही.,
चूर हो गयी सारी चमक हथौड़े की चोट से,
हीरे की औक़ात ही क्या थी जौहरी के सामने.,
तेरी औकात से ज्यादा की थी मोहब्बत तुझसे,
अब नफ़रत का आलम है, सोच तेरा क्या होगा.,
वो फरेब के इरादे, बेफ़िज़ूल की चाहत क्यूँ थी,
निभाने की औक़ात न थी, तो रिश्तों के नाटक क्यूँ थे.,
पत्थर-सा दिल, उसमें जज़्बात नहीं,
सुन बेवफा! तेरे ‘इश्क़’ की औक़ात नहीं.,
तुझे जीतना मुश्किल था अपना ग़ुरूर हारकर,
ऐ सनम! तेरी मोहब्बत मेरी औक़ात के बाहर है.,
कुछ लोग अपनी औक़ात दिखा देते हैं,
गिराने की फ़िराक़ में बस इल्जाम लगा देते हैं.,
ये इंसान भी कितने अजीब काम करता है,
मिट्टी की औक़ात लेकर दौलत पे गुमान करता है.,
Conclusion
यही सभी Aukat Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।