Bachpan Shayari – दोस्तों जब हम बड़े हो जाते और उस समय हमारे सर पर सभी चीज की जिम्मेदारी अ जाती तब हमको यह लगता की कस अगर हम बच्चे ही होते क्योंकि बचपन मे कोई भी जिम्मेदारी हम सब के उप्पार नहीं होती।
उस टाइम बस हुमए इतना पता होता की क्या नया करे जिससे हमे मजा आए और अपने छोटे दोस्तों के साथ घूमना ए सभी चीज हमे बहुत पसंद होती थी। लेकिन जैसे – जैसे हम बड़े होते गए ए सब चीज की आदत अपने आप चली गई।
लेकिन अभी भी सभी को अपना बचपन बहुत याद आता होगा की कैसे हम सब उस समय मे खूब मस्ती करते थे और उन मस्ती के बदले हमे मार भी पड़ती थी। लेकिन तभी हम सब कभी मस्ती करने से बाज नहीं आए तो इस लिए आज आपके इस बचपन की याद को ताजा करने के लिए पेस है कुछ अच्छी Bachpan Shayari जो आपको अपना बचपन याद दिल देगी।
यह सभी Bachpan Ki Shayari भले पढ़ने मे सिम्पल लगे लेकिन आपको ए दिल से फ़ील कराएगी की कइस तरह आप अपने बचपन के दिनों मे खूब मजे करते थे तो आइए पढ़ते है ए सभी Bachpan Shayari बिना परेशानी।
Bachpan Shayari in Hindi
अब आइए आपके सामने पेस कर रहे हम यह स्पेशल Bachpan Shayari in Hindi जिसे आपको जरूर पढ़ना चहाइए क्योंकि इससे आपको अपने बचपन के दिनों को याद कर सकेंगे की कइस तरह हम अपने बचपन मे खूब मजे करते थे।
फ्रेंड्स जैसा अपनापन भी किसी में नहीं होता,
अपने दोस्त को बचाने के लिए खुद को,
फ़साने तक तो तैयार हो जाते है.,
दोस्त अगर अच्छा और सच्चा है तो,
भाई की कमी भी महसूस नहीं हो सकती,
दोस्त अगर कच्चा है तो,
दुश्मनों की जरुरत नहीं हो सकती.,
ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर,
बस अपनी ही धुन, बस अपने सपनो का घर,
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर.,
मैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे,
जिन्दगी में वो मुस्कुराहट नही आई जो बचपन में देखे.,
ख़ुदा अबकी बार जो मेरी कहानी लिखना,
बचपन में ही मर जाऊ ऐसी जिंदगानी लिखना.,
बचपन साथ रखियेगा जिंदगी की शाम में,
उम्र महसूस नहीं होगी सफ़र के मुकाम में.,
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे,
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे.,
ना जाने वो बच्चा किस खिलौने से खेलता है,
जो दिन भर बाजार में खिलौने बेचता है.,
जरूरी नही रौशनी चिरागों से ही हो,
बेटियाँ भी घर में उजाला करती हैं.,
पुरानी अलमारी से देख मुझे वो खूब मुस्कुराता है,
ये बचपन वाला खिलौना मुझे बहुत सताता हैं.,
वो बचपन की अमीरी न जाने कहाँ खो गई,
बारिश, पानी और जहाज की बातें ख्वाब हो गई.,
भूख चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे,
बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे.,
बच्चा बोला देख कर मस्जिद आली-शान,
अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान.,
एक हाथी एक राजा एक रानी के बग़ैर,
नींद बच्चों को नहीं आती कहानी के बग़ैर.,
माँ, पिता, शरारतें, आँसू का जिसमें किस्सा है,
बचपन ही मेरी जिन्दगी का बेहतरीन हिस्सा है.,
महफ़िल तो जमी बचपन के दोस्तों के साथ,
पर अफ़सोस अब बचपन नहीं है किसी के पास.,
हँसते खेलते गुजर जाए वैसी शाम नहीं आती हैं,
होठों पर अब बचपन वाली मुस्कान नहीं आती हैं.,
आसमान में उड़ती एक पतंग दिखाई दी,
आज फिर से मुझ को मेरी बचपन दिखाई दी.,
आरजू की बचपन ने खिलोने की लेकिन हालात ने डांट दिया,
ज़िन्दगी तूने मेरा बचपन भूख और बेबसी में बांट दिया.,
ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर,
बस अपनी ही धुन, बस अपने सपनो का घर,
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर.,
चलो आज बचपन का कोई खेल खेलें,
बड़ी मुद्दत हुई बेवजह हंसकर नहीं देखा.,
और तो कुछ नहीं बदला उम्र बढ़ने के साथ,
बचपन की जो ज़िद थी समझौतों में बदल गई.,
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त,
बचपन वाला इतवार अब नहीं आता.,
जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरह,
मैंने मिट्टी भी जमा की खिलोने भी लेकर देखे.,
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी,
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है.,
और तो कुछ नहीं बदला उम्र बढ़ने के साथ,
बचपन की जो ज़िद थी समझौतों में बदल गई.,
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था.,
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे,
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे,
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता,
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे.,
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे,
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे,
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता,
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे.,
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे,
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे,
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता,
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे.,
Bachpan Shayari in Two Lines
दोस्तों अब आपके जीवन मे वो बचपन के पल कभी लौट के न आएंगे लेकिन उनकी याद आपके मन मे हमेशा रहेगी इस लिए अब हम आपको कुछ ऐसे दो लाइन के शायरी पढ़ाएंगे जिसे आपको पढ़ना चहाइए तो आइए पढ़ते है साथ मे Bachpan Shayari in Two Line जो कहने को तो बस शायरी होगा लेकिन आपको यह आपकी पुरानी बचपन की याद मे ले जाने के लिए काफी है।
बचपन से बुढ़ापे का बस इतना सा सफ़र रहा है,
तब हवा खाके ज़िंदा था अब दवा खाके ज़िंदा हूँ.,
वो बचपन की बातें, वो बचपन की यादें,
हमको हरदम बहुत ही याद आती है,
अब तो हमको बस ये देखना है बाकी,
की ये जिंदगी हमको कहाँ लेकर जाती है.,
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था.,
ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथ,
बचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है.,
हंसने की भी, वजह ढूँढनी पड़ती है अब,
शायद मेरा बचपन, खत्म होने को है.,
कहां समझदार हो गए हम,
वो नासमझी ही प्यारी थी,
जहां हर कोई दोस्त था ,
हर किसी से यारी थी.,
मन हमेशा हल्का रहता,
खेलने को हमेशा जी कहता,
जीवन यूं ही बहता रहता ,
चाहे कोई कुछ भी कहता.,
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम,
ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम.,
खुदा अबके जो मेरी कहानी लिखना,
बचपन में ही मर जाऊ ऐसी जिंदगानी लिखना.,
जिस के लिए बच्चा रोया था,
और पोंछे थे आँसू बाबा ने,
वो बच्चा अब भी ज़िंदा है,
वो महँगा खिलौना टूट गया.,
जिस के लिए बच्चा रोया था,
और पोंछे थे आँसू बाबा ने,
वो बच्चा अब भी ज़िंदा है,
वो महँगा खिलौना टूट गया.,
बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें,
आँसू बहाऊँ, पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें.,
चुपके-चुपके ,छुप-छुपा कर लड्डू उड़ाना याद है.
हमकोअब तक बचपने का वो जमाना याद है.,
बचपन की दोस्ती थी बचपन का प्यार था,
तू भूल गया तो क्या तू मेरे बचपन का यार था.,
फ़रिश्ते आ कर उन के जिस्म पर खुशबु लगाते है,
वो बच्चे रेल के डिब्बों मे जो झुण्ड लगाते है.,
ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो,
भले छीन लो मुझ से मेरी जवानी,
मगर मुझ को लौटा दो बचपन का सावन,
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी.,
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे,
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे,
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता,
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे.,
जिस के लिए बच्चा रोया था और पोंछे थे आँसू बाबा ने,
वो बच्चा अब भी ज़िंदा है वो महँगा खिलौना टूट गया.,
एक इच्छा है भगवन मुझे सच्चा बना दो,
लौटा दो मेरा बचपन मुझे बच्चा बना दो.,
बचपन में हम ही थे या था और कोई,
वहशत सी होने लगती है यादों से.,
इक खिलौना जोगी से खो गया था बचपन में,
ढूँढता फिरा उस को वो नगर नगर तन्हा.,
बचपन में आकाश को छूता सा लगता था,
इस पीपल की शाख़ें अब कितनी नीची हैं.,
फ़क़त माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर अच्छा नहीं लगता,
जहाँ बच्चे नहीं होते वो घर अच्छा नहीं लगता.,
इतनी चाहत तो लाखो रुपए पाने की भी नहीं होती,
जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है.,
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में,
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते.,
दुआएँ याद करा दी गई थीं बचपन में सो,
ज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम.,
बचपन की दोस्ती थी बचपन का प्यार था,
तू भूल गया तो क्या तू मेरे बचपन का यार था.,
मुमकिन है हमें गाँव भी पहचान न पाए,
बचपन में ही हम घर से कमाने निकल आए.,
बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें,
आँसू बहाऊँ, पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें।
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी,
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है.,
Bachpan ki Shayari
अब आइए जरा और नजर डालते है इन Bachpan ki Shayari की तरफ जिसमे आपको ज्यादा नहीं बस कुछ की शायरी मिलेंगे लेकिन यह सभी शायरी होगी बहुत मजेदार तो आइए पढ़ते है इन सभी शायरी को।
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी,
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है.,
जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरह,
मैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे.,
आजकल आम भी पेड़ से खुद गिरके टूट जाया करते हैं,
छुप-छुप के इन्हें तोड़ने वाला अब बचपन नहीं रहा.,
कोई मुझको लौटा दे वो बचपन का सावन,
वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी.,
देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में भी,
ये वो आईना हैं जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नही होते.,
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दल दल में,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था.,
जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरह,
मैंने मिट्टी भी जमा की खिलोने भी लेकर देखे.,
ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर,
बस अपनी ही धुन, बस अपने सपनो का घर,
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर.,
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम,
ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम.,
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था.,
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त,
बचपन वाला इतवार अब नहीं आता.,
कितने खुबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिन,
सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी.,
आजकल आम भी पेड़ से खुद गिरके टूट जाया करते हैं,
छुप छुप के इन्हें तोड़ने वाला अब बचपन नहीं रहा.,
जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरह,
मैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे.,
हंसने की भी, वजह ढूँढनी पड़ती है अब,
शायद मेरा बचपन, खत्म होने को है.,
आते जाते रहा कर ए दर्द,
तू तो मेरा बचपन का साथी है.,
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था.,
चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से,
वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं.,
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे,
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे,
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता,
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे.,
मोहल्ले में अब रहता है,
पानी भी हरदम उदास,
सुना है पानी में नाव चलाने,
वाले बच्चे अब बड़े हो गए.,
तभी तो याद है हमे,
हर वक़्त बस बचपन का अंदाज,
आज भी याद आता है,
बचपन का वो खिलखिलाना,
दोस्तों से लड़ना, रूठना, मनाना.,
देर तक हँसता रहा उन पर हमारा बचपना,
जब तजुर्बे आए थे संजीदा बनाने के लिए.,
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था.,
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे,
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे,
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता,
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे.,
याद आता है वो बीता बचपन,
जब खुशियाँ छोटी होती थी,
बाग़ में तितली को पकड़ खुश होना,
तारे तोड़ने जितनी ख़ुशी देता था.,
Conclusion
यही सभी Bachpan Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।