Bashir Badr Shayari – दोस्तों आप सभी ने Bashir Badr का नाम त जरूर ही सुन होगा जिनका जन्म 15 फरवरी 1935 को उत्तर प्रदेश के शहर फैजाबाद मे हुआ था। इनको बचपन से ही कविता लिखने और शायरी सुन्नाने के साउख था आगे चलकर इन्होंने अपने साउख को ही अपना काम बना लिया और फिर वह एक बड़े लेखक बन गए जिन्होंने बहुत सी कविता और शायरी लिखी जिससे पढ़ने के लिए आज भी बहुत लोग गूगल पर Bashir Badr Shayari सर्च करते है।

इस लिए आज हम आपके लिए बिना किसी खोज बिन के एक ही पोस्ट के अंदर बहुत ही अच्छी Bashir Badr Shayari के सभी कलेक्शन लेकर आए है जो की आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगी जिसे आप आसानी से केवल अपने मोबाईल की मदद से पढ़ सकोगे और फिर इस Bashir Badr Shayari को आसानी से शेयर भी कर सकोगे क्योंकि आज के समय मे अपने दोस्त व आपके रिस्तेदार हमेशा अच्छी पोस्ट खोजते पढ़ाने के लिए तो उनको आप पढ़ने के लिए यह Shayari Bashir Badr पढे।

 

Bashir Badr Shayari

अब आइए आपको हम यह Bashir Badr Shayari पढ़ाने जा रहे जो आपको बहुत अच्छी लगे क्योंकि यह सभी शायरी हम आपके लिए बहुत ही खोज बिन कर लाए है। तो आइए सुरू करिए पढ़ना हमारे साथ यह Shayari Bashir Badr जो की आपको बहुत पसंद आएगी।

 

सर झूकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा,

इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जाएगा.,

 

हम भी दरिया है हमें अपना हुनर मालूम है,

जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा.,

 

कितनी सचाई से मुझसे जिंदगी ने कह दिया,

तू नही मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा.,

 

फाक़ता की मजबूरी ये भी कह नही सकती,

कौन साँप रखता है उसके आशियाने में.,

 

हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते है,

उमर बीत जाती है दिल को दिल बनाने मे.,

 

Bashir Badr Shayari

 

सर से पाव तक वो गुलबो का शज़र लगता है,

बा-वजु हो के भी छूते हुए डर लगता है.,

 

जिंदगी तूने मुझे क़ब्र  से कम दी है ज़मीन,

पाव फैलाऊ  तो दीवार मे सर लगता है.,

 

बस गयी है मेरे एहसास में ये कैसी महक,

कोई भी खुश्बू लगाऊ तेरी खुश्बू  आये.,

 

उसने छू कर मुझे पथर से फिर इंसान किया,

मुद्दतो बाद मेरी आँख से फिर आँसू  आये.,

 

Brother Shayari

 

मोहब्बत एक खुशबू है, हमेशा साथ रहती है,

कोई इन्सान तन्हाई में भी कभी तन्हा नहीं रहता.,

 

परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता,

किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता.,

 

बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना,

जहां दरिया समन्दर में मिले, दरिया नहीं रहता.,

 

हजारों शेर मेरे सो गये कागज की कब्रों में,

अजब मां हूं कोई बच्चा मेरा ज़िन्दा नहीं रहता.,

 

Bashir Badr Shayari

 

उजाले अपनी यादों के हम साथ हैं,
ना जाने किस गली में जिंदगानी क्या है हो जाए.,

 

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए.,

 

ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं,
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है.,

 

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों.,

 

Jumma Mubarak Status

 

सुनाते हैं मुझे ख़्वाबों की दास्ताँ अक्सर,
कहानियों के पुर-असरार लब तुम्हारी तरह.,

 

फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी है,
इस में तिरी ज़ुल्फ़ों की बे-रब्त कहानी है,

 

अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा,
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो.,

 

इक शाम के साए तले बैठे रहे वो देर तक,
आँखों से की बातें बहुत मुँह से कहा कुछ भी नहीं.,

 

Bashir Badr Shayari

 

काग़ज़ में दब के मर गए कीड़े किताब के,
दीवाना बे-पढ़े-लिखे मशहूर हो गया.,

 

अपना दिल भी टटोल कर देखो,
फासला बेवजह नही होता.,

 

इस शहर के बादल तिरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं,
ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते.,

 

इसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं,
तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं.,

 

कभी मैं अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझा,
मुझे मालूम है क़िस्मत का लिक्खा भी बदलता है.,

 

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा,
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा.,

 

जब कभी भी तुम्हारा ख़याल आ गया,
फिर कई रोज़ तक बेख़याली रही.,

 

मेरे सीने पे ख़ुशबू ने सर रख दिया,
मेरी बाँहों में फूलों की डाली रही.,

 

इसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं,
तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं.,

 

Bashir Badr Shayari

 

कभी यूं भी आ मेरीआंख में, कि मेरी नजर को खबर ना हो,
मुझे एक रात नवाज दे, मगर उसके बाद सहर ना हो.,

 

ये गज़ल है जैसे हिरन की आंखों में पिछली रात की चांदनी,
ना बुझे खराबे की रौशनी, कभी बेचिराग ये घर ना हो.,

 

कभी यूं मिलें कोई मसलेहत, कोई खौफ़ दिल में जरा ना हो,
मुझे अपनी कोई खबर ना हो, तुझे अपना कोई पता ना हो.,

 

वो हजार बागों का बाग हो, तेरी बरकतो की बहार से,
जहां कोई शाख हरी ना हो, जहां कोई फूल खिला ना हो.,

 

तेरे इख्तियार में क्या नहीं, मुझे इस तरह से नवाज दे,
यूं दुआयें मेरी कूबूल हों, मेरे दिल में कोई दुआ ना हो.,

 

अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा,
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो.,

 

अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया,
जिस को गले लगा लिया वो दूर हो गया.,

 

अगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना,
हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़्साना लिखता है.,

 

कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से,
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो.,

 

यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं,
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे.,

 

 

अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया,
जिस को गले लगा लिया वो दूर हो गया.,

 

अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा,
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा.,

 

अजीब शख़्स है नाराज़ हो के हँसता है,
मैं चाहता हूँ ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे.,

 

उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा मे,
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते.,

 

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए.,

 

चराग़ों को आँखों में महफ़ूज़ रखना,
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी.,

 

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिन्दा न हों.,

 

जिस दिन से चला हूं मेरी मंज़िल पे नज़र है,
आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा.,

 

मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला,
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला.,

 

 

गुलाबों की तरह शबनम में अपना दिल भिगोते हैं,
मुहब्बत करने वाले ख़ूबसूरत लोग होते हैं.,

 

चमकती है कहीं सदियों में आंसुओं से ज़मीं,
ग़ज़ल के शेर कहां रोज़-रोज़ होते हैं.,

 

अबके आंसू आंखों से दिल में उतरे,
रुख़ बदला दरिया ने कैसा बहने का.,

 

सात सन्दूकों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें,
आज इन्सां को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत.,

 

लहजा कि जैसे सुब्ह की ख़ुशबू अज़ान दे,
जी चाहता है मैं तेरी आवाज़ चूम लूं.,

 

Conclusion

यही सभी Bashir Badr Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व  Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।

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