दोस्तों इस पोस्ट मे हम आपको स्पेशल Brahman Shayari पढ़ाने जा रहे जोकी आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगी अगर आप ब्राह्मण हो तो फिर आप सही जगह आए हो। क्योंकि आप भी गूगल पर बहुत बार Brahman Shayari सर्च कर चुके होंगे लेकिन आपको कही भी अच्छी और बढ़िया Brahman Shayari पढ़ाने को नहीं मिली होगी।
इस लिए आइए आज आप इस Brahman Shayari को पढिए और फिर इन सभी शायरी को आप अपने सोशल मीडिया पर स्टैटस या फिर आप इन सभी शायरी को अपने किसी भी फ्रेंड या परिवार के सदस्य को भेजने के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
इस लिए आइए पढिए हमारे साथ इन सभी ब्राह्मण शायरी को और फिर इन सभी Brahman Shayari को भेजिए अपने उन दोस्तों को जो आपकी कदर नहीं करते ताकि उनको भी आपके ब्राह्मण होने का महत्व पता चाल सके।
Brahman Shayari in Hindi
अब आइए पढिए हमारे साथ यह Brahman Shayari in Hindi को और फिर इन सभी Brahman Shayari को अपने दोस्तों को शेयर करके उनको भी पढिए ताकि वो भी इन सभी शायरी को पढे और आपका महत्व समझे।
Brahmin की ताकत से पूरा ब्रह्ममाड डोलता हैं,
ये हम नहीं हमारा इतिहास बोलता हैं.,
जंगल में शेर और रस्ते में Brahmin से बचकर रहना,
क्युकी शेर सिर्फ फाड़ते हैं,
और Brahmin ज़िंदा गाड़ते हैं.,
झुंड मे रहने वालो आजमा कर देखना,
कभी हमारी छाती पर फौलाद भी पिघलता है.,
तेरी क्या मिशाल जो हमसे टकराये,
अच्छे अच्छो को हमने औकात दिखाई है,
जब बात शान पे आती है तो हम मौत से भी ना घबराये.,
ब्राह्मण है हम हमारे खून में भी दिलेरी है,
तू क्यों दिक्क़त ले री है,
हमको कोई हाँथ भी लगा दे.,
ब्राह्मण हैं हम दुश्मन का दुश्मन कहलाए जाते हैं,
बेटा दूर रही हो तुम हमसे,
हम परशुराम भक्त कहलाये.,
मत मार नजर के तीर छोरी,
तुझे बामण का उठा ले जाएगा.,
ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की,
आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है.,
मर सकता हूं मगर झुकना नहीं है मंजूर मुझे,
हां मैं ब्राह्मण हूं इस बात का है गुरूर मुझे.,
पंडित जैसा प्यार और पंडित जैसा यार,
हर किसी के नसीब में नहीं होता है बावड़ी.,
रावण भी बनना कहां आसान है,
सीता जिन्दी मिली यह राम की ताकत थी,
सीता पवित्र मिली यह रावण की मर्यादा थी.,
ब्राह्मण मचलते हैं, तो देश मचल जाता है,
ब्राह्मण बिगड़ते हैं तो भूचाल आ जाता है,
ना करो कोशिश ब्राह्मण को बदलने की,
क्योंकि ब्राह्मण बदलते हैं तो इतिहास बदल जाता है.,
कहानी तो छोटे लोगो की लिखी जाती है,
ब्राह्मणों का तो इतिहास लिखा जाता है.,
रानी नहीं है तो क्या हुआ,
यह पंडित आज भी लाखो दिलो पर राज करता है.,
माफ़ किया तुझे जा जी ले अपनी ज़िन्दगी,
हम पंडित बेवफाओ के मुह नहीं लगते.,
ब्राह्मण भूखा तो सुदामा, ज्ञानी तो चाणक्य,
अभिमानी तो रावण और रूठा तो परशुराम.,
गुरु है वो करण के,
अंतर जाने आनंत और मरण के,
नमन करता सारा संसार जिसे,
बने जल भी अमृत उनके चरण के,
हैप्पी परशुराम जयंती.,
अपने कुल का मान करे, यह कर्तव्य हमारा है,
सभी का सम्मान करे, यही है हमारे दादा परशुराम का नारा.,
जब तक है जीवित हम भगवा ही लहरायेंगे,
आखिरी साँस तक हम दादा परशुराम का गुणगान गायेंगे.,
दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं,
और संकट जिगरा रखने वाले को पंडित कहते हैं.,
तेरे पापा से कह दे कभी हमारा इलाक़ा घुमकर देखें,
सिर्फ पंडित नाम ही काफ़ी है उनके जमाई का.,
“भाई” बोलने का हक़ मैंने सिर्फ दोस्तों को दिया है,
वरना दुश्मन तो आज भी पंडित के नाम से पहचानते हैं.,
हर किसी के हाथ में बिक जाने को तैयार नहीं है,
ये पंडित का दिल है तेरे शहर का अखब़ार नहीं.,
लोग कहते है की पंडित का भी समय आएगा,
मै कहता हूँ की पंडित समय मै खुद आएगा.,
शेरो के पुत्र शेर ही जाने जाते हॆ,
लाखो के बीच ब्राह्मण पहचाने जाते हॆ.,
यू हर किसी के हाथों बिकने को तैयार नहीं,
ये गुर्जर का जिगर है तेरे शहर का अखबार नहीं.,
ब्राह्मण बदलते हैँ तो नतीजे बदल जाते हैँ,
सारे मंजर, सारे अंजाम बदल जाते हैँ,
कौन कहता है परशुराम फिर नहीं पैदा होते,
पैदा तो होते है बस नाम बदल जाते हैँ.,
कुछ दिन रुक जा मेडम ऐसा मुकाम बना देंगे,
70 लाख की ओडी पै जय परसुराम लिखा देंगे.,
अंगारे नहीं फौलाद है हम,
परशुराम की औलाद है हम,
ब्राह्मण वंश के हम चीते हैं,
जो खुद के जिगर पर जीते है.,
ब्राह्मण जो करते हैं उच्च कोटि का करते हैं,
फिर वो चाहे विकास हो या किसी का विनाश हो.,
Brahman Attitude Shayari
दोस्तों आइए अब आपको हम इस पोस्ट मे Brahman Attitude Shayari भी पढ़ाएंगे जो आपको और भी ज्यादा पसंद आने वाली है इस लिए अगर आप भी इस Brahman Shayari की Attitude वाली शायरी को पढ़ना चाहते हो तो इन सभी शायरी को पढे।
जब परशुराम का फरशा और,
बाजीराव की तलवार उठी है,
बिना पराजय वाली ब्राह्मणों का,
स्वर्णिम इतिहास लिखी गई हैं.,
शेरो के पुत्र शेर ही जाने जाते हैं,
लाखो के बीच ब्राहमण ही पहचाने जाते हैं.,
इब हाथ जोड के कहते हो बात का बखेडा ना करो,
हमने पहले ही कहा था हम पंडित हैं हमे छेडा ना करो.,
ब्लैक बुलेट पर ब्रामण चाले,
दुश्मन को दिल धक धक हाले.,
अंगारे नहीं फौलाद हैं हम,
परशुराम की औलाद हैं हम,
ब्राह्मण वंश के हम चीते हैं,
जो खुद के जिगर पर जीते हैं.,
ब्राह्मण जो करते हैं उच्च कोटि का करते हैं,
फिर वो चाहे विकास हो या किसी का विनाश हो.,
चलता हूँ अपनी धुन में महादेव के गीत गाऊंगा,
ब्राह्मण बनकर आया हूँ दुबारा ब्राह्मण बनने ही आऊंगा.,
बड़े-बड़े स्वर्णिम अक्षरों में लिखा ब्राह्मणों का इतिहास हैं,
क्यों लेता तू पन्गा पंडितों से हमेशा उन्हीं का राज हैं.,
पाप-पुण्य की गठरी लाद क्यों हैं अपना बोझ बढ़ाया,
सुख-दुःख, लाभ-हानि में पंडित ने ही समानता पाया.,
पंडित भूखा तो सुदामा कहलाता हैं,
गर जो पंडित समझा चाणक्य बन जाता हैं,
रूठा जो पंडित तो परशुराम हो जाता हैं.,
शब्द की बिसात क्या, शब्द की अवकात क्या,
निःशब्द हैं वह पंडित की दूसरी पहचान क्या.,
ब्राह्मण ही प्रथम हैं ब्राह्मण ही अनंत हैं,
पंडित ही आरम्भ हैं ब्राह्मण ही अंत हैं,
ब्राह्मण प्रचंड हैं, करता जब कोई अधर्म हैं.,
यह ब्राह्मण एकम सेना,
ब्राह्मण दूना कोटि सेना,
जब-जब ब्राह्मण का खून खौले,
काँपे धरती का कोना-कोना.,
दुआ लफ़्ज़ों से नहीं दिल से होनी चाहिए क्योंकि,
ब्रामण उनकी भी सुनते हैं जो बोल नहीं पाते.,
कर्म की भूमि पर कर्मफल खिलते हैं,
किस्मत बुलंद हो तभी ब्राह्मण के घर जन्म मिलते हैं.,
मत कर इतना गुरुर दो दिन की जिंदगानी पर,
सिख कुछ तू पंडित से,
भयभीत नहीं होता जो मृत्यु के भी आने पर.,
जब फितरत में नशा ब्राह्मण का हैं,
तो रुतबे में गुरुर तो लाज़मी हैं.,
शतरंज की चालो से क्या उलझाएगा तू पंडित को,
शतरंज भी हमने पैदा किया टक्कर ना देना पंडित को.,
पंडित बुरी या दुनिया बुरी इसका फैसला हो ना सका,
और पंडित तो हो गया सबका लेकिन पंडित का कोई हो ना सका.,
मारी जूता जो सिकंदर को दिया युद्ध में हराय,
पंडित जात हैं उसका पुरे विश्व में सराहा जाये.,
देख भाई ब्राह्मण सिर्फ मंत्र ही नही मारते,
वक़्त आने पर हथियार चलाना भी जानते है.,
पंडित की चोटी उसकी शान होता है,
उंगली जब उस पर कोई उठाये,
तो उसका अपमान होता है,
हद से अगर कोई गुजर जाए,
तो उसका आखरी टाइम होता है.,
जलने वालो से कह दो बुझना मेरा काम नही
जला कर राख ना कर दु पंडित मेरा नाम नही.,
ब्राह्मण भूखा रहे तो सुदामा भी बन सकता है,
समझाने मैं आया तो चाणक्य बन सकता है,
अगर रूठ गया तो पशुराम भी बन सकता है.,
इब हाथ जोड के कहते हो बात का बखेडा ना करो,
हमने पहले ही कहा था हम पंडित हैं हमे छेडा ना करो.,
ब्राह्मण बदलते हैं तो नतीजे बदल जाते हैं,
सारे मंजर सारे अंजाम बदल जाते हैं.,
ब परशुराम का फरशा और बाजीराव की तलवार उठी है,
बिना पराजय वाली ब्राह्मणों का स्वर्णिम इतिहास लिखी गई हैं.,
झुकता नहीं कभी, तू क्या झुकाएगा,
ब्राह्मणत्व एक आग हैं भड़कता ही जाएगा.,
शेर कि सवारी और पंडित कि यारी,
किस्मत वालो को नसीब होती हैं.,
ब्राह्मण जब चाहे किसी का शनि ख़राब कर दे,
ब्राह्मण जब चाहे राहु चढ़ा दे जब चाहे शनि सही कर दे.,
पाप-पुण्य की गठरी लाद क्यों हैं अपना बोझ बढ़ाया,
सुख-दुःख, लाभ-हानि में पंडित ने ही समानता पाया.,
दिखे ना जो नयनो से ज्ञानचक्षु से उसने उसे देखा हैं,
मानव कल्याण के लिए वह ब्राह्मण रात भर नहीं सोता हैं.,
हम ब्राह्मण शांत हैं तो श्री राम हैं,
भड़के तो फरसाधारी परशुराम हैं.,
कर्म की भूमि पर कर्मफल खिलते हैं,
किस्मत बुलंद हो तभी ब्राह्मण के घर जन्म मिलते हैं.,
मत कर इतना गुरुर दो दिन की जिंदगानी पर सिख कुछ,
तू पंडित से भयभीत नहीं होता जो मृत्यु के भी आने पर.,
जलते हैं तो जलने दो बुझाना हमारा काम नहीं,
जलाकर जो राख ना कर दू तो ब्राह्मण मेरा नाम नहीं.,
जब फितरत में नशा ब्राह्मण का हैं,
तो रुतबे में गुरुर तो लाज़मी हैं.,
इतना आशीर्वाद तेरे पूर्वजो ने तुझे नहीं दिए होंगे,
उससे ज्यादा आशीर्वाद तो ब्राह्मण तुझे देता हैं.,
शेरो के पुत्र शेर ही जाने जाते हैं,
लाखो के बीच ब्राहमण ही पहचाने जाते हैं.,
पंडित की यारी जोहे दुनिया सारी करें,
जो शेर की सवारी महाकाल का हैं वो कट्टर पुजारी.,
पंडित का तीन काम- शिक्षा, दीक्षा और भिक्षा,
फेल कर दे ब्राह्मण को नहीं हैं कोई ऐसी परीक्षा.,
पंडित जिस दिन बिगड़ गये इतिहास पुराना खोलेंगे,
धाक हमारी देखकर गुँगे भी ज़य ज़य ब्राह्मण बोलेगे.,
पंडित से जलते सभी हैं लेकिन यह सच हैं,
की पंडित जैसा बनने को ललचते भी सभी हैं.,
फोर्ड, बुलट और राइफल, शान है ब्राह्मण की,
लोहे बरगी यारी असली जान है ब्राह्मण की.,
बड़े-बड़े स्वर्णिम अक्षरों में लिखा ब्राह्मणों का इतिहास हैं,
क्यों लेता तू पन्गा पंडितों से हमेशा उन्हीं का राज हैं.,
हम ऊंची आवाज सिर्फ गानो की सुनते हैं,
किसी के बाप की नहीं.,
थर-थर काँपे धरती डोले बड़ा-बड़ा दरबार,
आसमान में गूंजे जब ब्राह्मण का जयकार.,
झुकता नहीं कभी, तू क्या झुकाएगा,
ब्राह्मणत्व एक आग हैं भड़कता ही जाएगा.,
Conclusion
यही सभी Brahman Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।