दुनिया के सात अजूबे [ Duniya Ke Saat Ajoobe ]
दोस्तों अपने अकसर लोगों से दुनिया मे सात अजूबे है यह तो जरूर सुन होगा लेकिन क्या असल मे आपको यह पता है की इस टाइम यह दुनिया के प्रसिद्ध सात अजूबे कौन से और कहाँ पर है। तो आइए आपको हम आज इस पोस्ट की मदद से Duniya Ke Saat Ajoobe के बारे मे बताएंगे साथ मे हम आपको यह भी बताएंगे की इन अजूबों को क्यों दुनिया का अजूबा मना जाता और इसको किस वर्ष मे दुनिया के अजूबों की श्रेणी मे जगह मिली थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की दुनिया के सात अजूबों को जूनने के लिए एक कॉमिटी बनाई गई थी। यह कॉमिटी स्विट्ज़रलैंड मे बनाई गई थी। जिसमे दुनिया के सभी ऐतिहासिक व प्रसिद्ध चीजों को एक लिस्ट मे रखा गया और फिर इन लिस्ट की अनलाइन वोट के सहारे से इन सभी लिस्ट मे से दुनिया के 7 अजूबों का चयन किया गया है। जिसे आज हम Duniya Ke Saat Ajoobe के नाम से जानते है।
इस वोट प्रक्रिया मे कुल 100 मिलियन लोगों ने हिस्सा लिया था। जिन्होंने इन सभी लिस्ट मे से केवल यही सात अजूबों को चुना और इन्ही को दुनिया का सात अजूबा मना यह लिस्ट वर्ष 2007 मे आई जिसके बाद इसको मान्यता मिली और इन सभी अजूबों का नाम गिनीज वर्ड बुक मे सामील किया गया।
तो आइए जानते है दुनिया के सात सबसे प्रसिद्ध अजूबे जो आपको पता होना चाहिए ताकि अगर बार जब आप किसी दूसरे देश घमने जाए खास कर उस देश जहां यह अजूबे स्थित है तो आप उस जगह भी जा सके जहा यह अजूबे स्थित है।
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दुनिया के सात अजूबे कौन से है [Duniya Ke Saat Ajoobe]
यह रहे Duniya Ke Saat Ajoobe जिनको आप सही से देख ले ताकि आप उन सभी अजूबों को एक एक कर घूम पाए और इनसे जुड़े राज का पता लगा सके की क्यों इसको दुनिया के सात अजूबे मे सामील किया गया है। तो आइए सुरू करे पढ़ना इन सभी सात अजूबों के बारे मे।
चीन की दीवार ( Great wall of china )
चीन की दीवार इस Duniya Ke Saat Ajoobe के लिस्ट मे सबसे प्रथम स्थान पर आती है। क्योंकि यह दीवार विश्व की सबे बड़ी दीवार है जिसकी लंबाई 6400 किलोमीटर है। यह दीवार ईट, मिट्टी और पत्थरों से से बनी एक किला नुमा दीवार है। इस दीवार का निर्माण चीन के कई शासकों द्वारा उत्तरी हमलावरों से बचने के लिए करवाया गया था।
इस दीवार की निर्माण मे 5वी शताब्दी से लेकर 16वी शताब्दी तक का समय लगा था। यह दीवार बीच से कुछ जगह पर खाली है जिसे अगर पूरा कर दिया जाए तो यह दीवार का लंबाई 6400 किलोमीटर से बढ़ कर 8848 किलोमीटर हो जाएगी।
इतिहासकार बताते की इस दीवार को बनाने मे लगभग 20 – 30 लाख लोगों ने अपना पूरा जीवन दे दिया। इस के अलावा इस दीवार के निर्माण के समय केवल उन्ही लोगों को जींद रखते थे जो मजदूर कड़ी महनत करते थे ताकि जो कमजोर थे उनको वही पर मार के दफन कर दिया जाता था। इसी वजह से इसे दुनिया का सबसे बड़ा कब्रस्तान भी कहाँ जाता है।
इस दीवार की उच्चाई करीब 35 फुट है और इसकी चौड़ाई की बात करे तो इसमे एक साथ 10 पैदल व्यक्ति निकाल सकते है। बाकी अगर आप इस दीवार के अंतरिक्ष से भी देखे तो यह आपको दिख जाएगी यह इतनी लम्बी है। इस दीवार को घूमने के लिए हर वर्ष लगभग 1 करोड़ लोग दुनिया से जाते है इस लिए ही इसको दुनिया के सात अजूबों को श्रेणी मे रखा गया है।
मसीह उद्धारक ( Christ the Redeemer Statue )
विश की सबसे उच्ची प्रतिमा का खिताब हासिल करने वाली यह ईसा मसीह की मूर्ति जिसे हम मसीह उद्धारक के नाम से जानते है। यह ईसा मसीह की मूर्ति ब्राजील के रियो डी जेनेरों के पहड़ों पर स्थित है। इस मूर्ति की उच्चाई 130 फिट है यह मूर्ति तेजुका फॉरेस्ट नेशनल पार्क मे कोर्कोवाड़ो पर्वत के स्थित है। इस प्रतिमा का निर्माण कंक्रीट और सपोस्टों से बनाया गया है। इस मूर्ति का निर्माण 1922 से लेकर 1931 के बीच मे किया गया है।
इस पूर्ति की चौड़ाई की बात करे तो इसकी चौड़ाई 98 फिट और इसका वजन लगभग 635 टन है। बताया जाता की इस मूर्ति को बनाने मे कुल 250000 डॉलर की लागत आई थी। इस मूर्ति को Paul Landowski (पॉल लैंडोव्स्की) ने डिज़ाइन किया और ब्राज़ीलियन इंजीनियर Heitor Da Silva Costa (हेइटर दा सिल्वा कोस्टा) ने बनाया था।
इस मूर्ति की खास बाट यह है की इसमे कोई भी पक्षी बैठ के इसको गंदा ना कर पाए इसके लिए इस पर छोटी – छोटी किलो को इस पर लगवाया गया है और यह मूर्ति रात को और भी ज्यादा सुन्दर दिखे इसके लिए इया पर रात को लाइट से सजाय जाता है।
पेट्रो ( Petro )
पेट्रो जोकी प्राचीन काल मे बसा जोर्डन ( Jordan ) का एक ऐतिहासिक शहर है। पेट्रो एक यूनानी शब्द पेट्रोस से लिया गया जिसका मतलब होता की चट्टानों की नकाशी। इस पेट्रो की स्थापना 312 ईसा पूर्व की गई थी यह पेट्रो अपने पत्थरों की कलाकारी के लिए प्रसिद्ध हुआ है।
इस पेट्रो के चट्टानों का रंग लाल होता इस लिए इसको रोज़ सिटी भी कहते है। पेट्रो जोर्डन का सबसे लोकप्रिय स्थल है हर वर्ष कई सारे लोग इस स्थल को घूमने के लिए आते है। इस स्थल को विश्व के प्रसिद्ध स्थल मे यूनेस्को के द्वारा सामील किया गया था। क्योंकि यह स्थल बहुत ही लकप्रिय और सांस्कृतिक है।
ताज महल ( Taj Mahal )
भारत के उत्तर प्रदेश के शहर आगरा मे स्थित यह ताज महल जोकी इस Duniya Ke Saat Ajoobe की लिस्ट मे 4 नंबर पर आता है। इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुंतज की याद मे बनवाया था। बताया जाता की वर्ष 1631 मे मुंतज अपने बच्चे को जन देते वक्त मार गई थी। जिसके बाद शाहजहाँ ने अपनी पत्नी की याद मे इस ताज महल का निर्माण करने का संकल्प लिया ताकि उनकी बीवी की याद इसमे रह सके। इस ताज महल का निर्माण 21 वर्षों मे हुआ था इसको सन् 1632 – 1653 तक का समय लगा था बनने मे और एक खास बात यह पूरा महल सफेद संगमरमर से बना हुआ है। जिसे शाहजहाँ ने पूरी दुनिया के अलग – अलग शहर से मँगवाया था।
ताज महल के ऊपर जब सूर्य की रोशनी पड़ती तब यह अलग – अलग रंगों मे दिखाई देता क्योंकि सफेद संगमरमर सूर्य की रोशनी मे आने के बाद चमकने लगते है। इससे इस ताज महल की सुंदरता और भी ज्यादा बढ़ जाती है। और इसकी शोभा मे चार चंद लग जाते है।
ताज महल की उच्चाई लगभग 73 मीटर है यह कुछ 17 हेक्टर मे फैला हुआ है। इस स्मारक को मनाने के लिए 20000 से भी ज्यादा मजदूर लगे थे जिसके बाद यह 21 वर्षों मे बन कर तैयार हुआ था। एक सबसे जरूरी खास बात इस स्मारक को बनाने वाले सभी मजदूर के हाथ शाहजहाँ ने कटवा दिए थे। ताकि इसको कोई भी मजदूर दुबारा से ना बना सके किसी और के लिए।
चीचेन इट्ज़ा ( Chichen Itaz )
चीचेन इट्ज़ा जोकी मेक्सिको मे स्थित है यह विश्व भर मे अपने पिरामिड आकृति के मयान मंदिर और यहाँ से निकालने वाली अजीब आवाजों के कारण बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ के हर मंदिर मे आपको 365 सीढ़ी देखने को मिल जाएगी। इसके अलावा अगर इतिहासकारों की माने तो इसका निर्माण 9 वी और 12 वी शताब्दी के बीच हुआ है जिसे कोलम्बियाई माया सभ्यता के द्वारा बनाया गया था। हर वर्ष इस इस स्थल को घूमने के लिए लगभग 1.2 मिलियन लोग आते है।
इस चीचेन इट्ज़ा को आज से 1200 वर्ष पहले बसाया गया था जोकी 4 वर्ग मिल के झेत्रफल मे फैला हुआ है। इस लिए यह दुनिया के सात अजूबों मे एक माना जाता है।
माचू पिच्चु ( Machu Picchu )
माचू पिच्चु जोकी दक्षिण अमरीका के पेरू मे स्थित है जिसकी उच्चाई समुन्द्र ताल से लगभग 2430 मीटर है। यह एक झका सभ्यता का प्राचीन स्थल है। इसका निर्माण सन् 1438 – 1472 के बीच हुआ था इसको “ लास्ट सिटी ऑफ द झंका ” के नाम से भी जाना जाता है।
इस स्थल को वर्ष 2007 मे दुनिया के Saat Ajoobe मे सामील किया गया था। इस स्थल की 30% इमारतों को पुन: निर्माण करके सही किया गया था ताकि यहाँ सभी पर्यटक घूमने अ सके। इस स्थल मे आपको कई जगह घूमने को मिल जाएंगे लेकिन इसमे से सबे ज्यादा अच्छा और प्रसिद्ध जगह इन्का ट्रेल ट्रेक है। क्योंकि इस जगह की पहाड़ी से सूर्य उदय बहुत अच्छा दिखता है। इस लिए यह जगह बहुत ही ज्यादा फेमस है। लेकिन यहाँ पर केवल एक बार मे 500 लोग ही जा सकते क्योंकि यह की इमारत बहुत सक्रिय है।
कोलोंजियम ( The Roman Colosseum )
The Roman Colosseum जोकी इस दुनिया के सात अजूबे का आखिरी अजूबा है। यह अजूबा इटली के रोम शहर मे स्थित है। जो की रोमन साम्राज्य का सबसे बाद अखाड़ा के रूप मे जाना जाता है। इस अखाड़े का निर्माण कंक्रीट और रेत से किया गया था। इस अखाड़े को इस प्रकार बनाया गया था की इसके लगभग 5000 लोग एक साथ बैठ कर खेल का आनंद ले सके।
माना जाता की इस अखाड़े का निर्माण कार्य सम्राट टाइटस द्वारा 80वी शताब्दी मे किया गया था। इस आकडे मे केवल मनोरंजन के लिए पशुओ और मनुष्यों के बीच लड़ाई लड़ी जाती थी। इस अखाड़े मे लगभग 10 लाख से भी ज्यादा मनुष्यों और 5 लाख से भी ज्यादा पशुओ को जान गई है।
इस ऐतिहासिक स्थल को यूनेस्को द्वारा इस अजूबों को सूची मे सामील किया गया था। इस ऐतिहासिक स्थल पर गुड फ्राइडे के दिन जलूस निकाला जाता था। इस स्थल मे अखाड़े देखने के लिए सबसे उच्ची कुर्सी सम्राट की बनाई गई थी। इस लिए यह स्थल काफी प्रसिद्ध है यह हर वर्ष लगभग 4 मिलियन लोग घूमने आते है।
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Conclusion
यह रहे Duniya Ke Saat Ajoobe जोकी आपको जरूर पता होना चहाइए ताकि आप जब अगली बार किसी भी ऐसे देश मे जाए जहां यह अजूबे स्थित है तो आप वह पर इनको घूम सके। आपको हमारी यह पोस्ट कैसी लागि हमे कमेन्ट करके जरूर बताए।