दोस्तों अब आइए आपको हम यह Ishq Shayari भेजने जा रहे जोकि आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगा साथ मे अगर आप अपने पार्टनर को खुश करना चाहते हो तो आप हमारी इन सभी Ishq Shayari को पढ़ सकते जिसे पढ़ने के बाद वह और भी अधिक खुश होंगे और फिर वह आपके और भी अधिक प्रेम करेंगे।
वैसे तो एक प्रेमी जोड़े को मजबूत एक दूसरे का साथ बनाता है लेकिन कही न कही अगर दोनों के बीच मे अगर अधिक प्रेम को बढ़ाना हो तो केवल शायरी ही एक मात्र ऐसा सोर्स है जोकि आपके रीलैशन को और भी अधिक मजबूत बनाता है और वही अगर आपको Shayari on Ishq पढ़ने को मिल जाए तो सोने पर सुहाग हो जाएगा।
तो आइए हमारे साथ पढिए इन सभी Ishq Shayari को फिर इन सभी इश्क शयरी को शेयर करिए अपने सच्चे साथी के साथ जिसके बाद वहाँ आपकी भेजी इन सभी Ishq Shayari Hindi को पढ़ कर आपको और भी अधिक प्रेम करेंगी।
Ishq Shayari in Hindi
अब आइए आपको हम यह Ishq Shayari in Hindi पढ़ाने जा रहे जोकि आपको और भी अधिक पसंद आने वाली है जिसके बाद आप इन Ishq Shayari को सीधे अपने प्रेमी के साथ शेयर करे।
किया इश्क़ ने मेरा हाल कुछ ऐसा,
ना अपनी है खबर ना दिल का पता है,
कसूरवार था मेरा ये दौर-ऐ-जवानी,
मैं समझता रहा मेरे सनम की खता है.,
रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,
अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो,
आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को,
आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो.,
होती नहीं है मोहोब्बत सूरत से,
मोहब्बत तो दिल से होती है,
सूरत उनकी खुद -ब -खुद लगती है,
प्यारी कदर जिनकी दिल में होती है.,
भटक जाते हैं लोग अक्सर,
इश्क़ की गलियों में,
इस सफर का कोई इक,
नक्शा तो होना चाहिए.,
तुझे क्या देखा खुदा को ही भूल,
गया हम इस कदर की अपने,
घर आये तो औरों से पता पूछकर,
अपने घर का ही.,
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की हमे,
भी मोहब्बत हो, लेकिन तुम्हारी एक,
नज़र ने हमे नीलाम कर दिया.,
तुम्हारी यारी में हम कुछ बिगड़ से,
गए है पागल तो पहले भी थे अब,
एक्स्ट्रा पागल हो गए है.,
हिम्मत है तुम में तोह आओ,
मुकाबला-ए-इश्क़ करे हारे,
तो तुम हरे और जीते तोह तुम्हारे.,
चाहता हूँ खुद की पहचान बनूँगा,
ज़िन्दगी मे खुद का एक मुकल बनूँगा,
यूँही अगर बेगैरत से दिन डालते रहे तो,
शायद खुद ही के हांथो अपने ख्वाबों.,
का शमशान बनूँगा.,
तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना दूँ,
तुझे मिले बिना तेरा हाल बता दूँ,
मेरी मोहब्बत में इतना दम है कि,
तेरी आँखों के आँसू अपनी आँखों से गिरा दूँ.,
सिद्दत से चाहा है जिसको उसकी,
मोहब्बत की तमन्ना की है ऐ खुदा,
हर लम्हे पे कोई अमीन कहे क्यों,
की हर सांस में उन्हें पाने की दुआ की है.,
दिल – ए -नादान हुआ क्या है,
आखिर इस दर्द दवा क्या है,
जब से देखा उसे शेर कहने लगे,
या इलाही ये मुझे हुआ क्या है.,
तुमको बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुमको हसना पसंद है मुझे हस्ते हुए तुम,
बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुमको सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम.,
हम इनके होंठों को चूम कर,
प्यास भुझना चाहते थे चूमे,
होंठ इन के तोह वह भी,
बरसों के प्यासे निकले.,
वो मुझ तक आने की राह चाहता है,
लेकिन मेरी मोहब्बत का गवाह चाहता है,
खुद आते जाते मौसमों की तरह है,
और मेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता है.,
अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे.,
इश्क है वही जो हो एक तरफा,
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है,
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ,
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है.,
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
लेकिन इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है.,
पर इश्क़ के दर्द का उन्हें एहसास नहीं,
इश्क़ वो चाँद है जो दिखता तो है सबको,
पर उसे पाना सब के बस की बात नही.,
दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे,
मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे,
गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है,
हम दूर से भी अब तुम्हें देखा ना करेंगे.,
तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना दूँ,
तुझे मिले बिना तेरा हाल बता दूँ,
मेरी मोहब्बत में इतना दम है कि,
तेरी आँखों के आँसू अपनी आँखों से गिरा दूँ.,
दिल की हसरत मेरी जुबान पे आने लगी,
तूने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी,
ये इश्क़ की इन्तहा थी या दीवानगी मेरी,
हर सूरत में सूरत तेरी नजर आने लगी.,
ऐ इश्क़ तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें,
यहाँ हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा है.,
कभी बेबसी, कभी तन्हाई, कभी तड़प तो कभी इंतज़ार,
क्या खूब मर्ज़ है ये भी जिसे सब लोग इश्क़ कहते है.,
इश्क-ए-दरिया में हम डूब कर भी देख आये,
वो लोग मुनाफे में रहे जो किनारे से लौट आये.,
ख़ुद-कुशी जुर्म भी है सब्र की तौहीन भी है,
इस लिए इश्क़ में मर मर के जिया जाता है.,
हुस्न है काफ़िर बनाने के लिए,
इश्क़ है ईमान लाने के लिए.,
मरज़-ए-इश्क़ जिसे हो उसे क्या याद रहे,
न दवा याद रहे और न दुआ याद रहे.,
जुबां न कह पाई मगर आँखें बोलती रही,
मुझे जीने के लिए सानो से पहेले से पहले तेरी ज़रूरत है.,
एक चाहत थी तेरे साथ जीने की,
वरना मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती है.,
सब कुछ बदला बदला था जब बरसो बाद मिले,
हाथ भी न थम सके वहां इतना पराये लगे.,
मत पूछ कैसे गुज़र रही है ज़िन्दगी,
उस दौर से गुज़र रही हु जो गुज़रता ही नहीं.,
इतनी लम्बी उमर की दुवा मत मांगना मेरे लिए,
ऐसा न हु की तो भी चोर दे और मौत भी न ए.,
लाइफ में उसको कभी मत चोरना,
जिसने आपके लिए सब चोर दिया.,
कोई ढूंढ लाओ मर्ज़-ए-इश्क़ की भी वैक्सीन,
मरीज इसके भी बहुत हो गए हैं ज़माने में.,
फिर एक बार पड़ेंगे इश्क़ में जाना,
भरोसा ही तो उठा है जनाज़ा नहीं.,
इश्क़ का भी अलग ही हिसाब है,
पलभर में हो जाता है, उम्र भर के लिए.,
एक बात पुछु जवाब मुस्कुरा के देना,
मुझे रुला कर खुश तो होना.,
जाने क्यूँ बरसने से मुकर जाता है हर बार,
मेरे हिस्से में आया है जो टुकड़ा बादल का.,
इश्क़ लिखने को इश्क़ होना बहुत जरूरी है,
जहर का स्वाद बिना पिए कोई कैसे बताएगा.,
Shayari on Ishq in Hindi
अब आइए आपको हम यह Shayari on Ishq in Hindi पढ़ाने जा रहे जोकि आपको और भी अधिक पसंद आएगा तो अगर आप भी गूगल पर Shayari on Ishq खोज रहे तो आप इस पोस्ट को पढ़ सकते है।
इश्क में तेरे जागा वर्षों और तन्हाई बनी रही,
धूप रही मेरे चौतरफा पर पुरबाई बनी रही.,
उसी से पूछ लो उसके इश्क की कीमत,
हम तो बस भरोसे पे बिक गए.,
खुद में भी तलाश किया लोगों से भी पूछा,
तेरे दूर जाने की वजह आज तक नहीं मिली.,
यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझे,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे.,
रोकना मेरी हसरत थी और चले जाना उनका शौक,
वो शौक पूरा कर गए मेरी हसरतें तोड़ कर.,
अगर तेरा इश्क दरिया है तो,
मेरा इश्क भी समंदर से कम नहीं.,
इश्क़ का रोग है कसम से जाता ही नहीं,
गले में मैंने सारे ताबीज़ डालकर देख लिए.,
मौसम-ऐ-इश्क़ है ये, ज़रा खुश्क हो जाएगा ना,
उलझा करो हमसे वरना इश्क़ हो जाएगा.,
एक चाहत थी तेरे साथ जीने की वरना,
मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती है.,
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब,
जो लगाए न लगे और बुझाए न बने.,
इश्क़ है या इबादत,
अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खूबसूरत ख्याल हो तुम,
जो दिल से नहीं जाता.,
इश्क है वही जो हो एक तरफा,
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है,
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ,
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है.,
बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के,
पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई.,
खतम हो गई कहानी, बस कुछ अलफाज बाकी हैं;
एक अधूरे इश्क की एक मुकम्मल सी याद बाकी है.,
जाने कब उतरेगा क़र्ज़ उसकी मोहब्बत का,
हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरते हैँ.,
इश्क सूफी है ना मुफ्ती है ना आलीम है,
ये जालीम है बहूत जालीम है फकत जालीम है.,
चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे जब मेरे,
एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे.,
चलते तो हैं वो साथ मेरे,
पर अदाज देखिए जैसे की इश्क,
करके वो एहसान कर रहें है.,
मेरे इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शौहरत,
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था मेरी दीवानगी से पहले.,
रब ना करें इश्क की कमी किसी,
को सताए प्यार करो उसी से,
जो तुम्हें दिल की हर बात बताए.,
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो,
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं.,
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर,
ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है.,
राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की,
मेरे खत तुम सरे आम जलाया ना करो.,
लिखने को हर दिन आधा इश्क़ लिखता हूँ,
तुम आओगे तभी तो पूरा होगा.,
इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है,
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है.,
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से,
वो होता है और हो कर ही रहता है.,
हम इस कदर तुम पर मर मिटेंगे,
तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे.,
मुक़म्मल ना सही अधूरा ही रहने दो,
ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं.,
इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया,
वर्ना हम भी आदमी थे काम के.,
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं,
अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं.,
तुम्हारे इश्क़ का मौसम,
हर मौसम से सुहाना होता है.,
कोई समझे तो एक बात कहूँ,
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं.,
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी,
पहले पागल किया फिर पागल कहा,
फिर पागल समझ कर छोड़ दिया.,
चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़,
पर सुकून भी इश्क़ से ही मिलता है.,
दिवाना हर शख़्स को बना देता है इश्क़,
सैर जन्नत की करा देता है इश्क,
मरीज हो अगर दिल के तो कर लो इस्क,
क्योंकि धड़कना दिलों को सिखा देता है इश्क.,
गजल-ए-उल्फत पढ़ लिया करो,
एक खुराक सुबह एक खुराक शाम,
ये वही दवा है जिससे,
बीमारे-इश्क को मिलता है तुरंत आराम.,
बहुत महँगी हुई अब तो वफा,
लोग कहाँ मिलते हैं, जो सच्चा प्यार करें,
मोहब्बत तो बन गई है अब सजा,
आशिक कहाँ मिलते हैं,
जो संग-संग इश्क का दरिया पार करें.,
चलते थे इस जहाँ में कभी सीना तान के हम,
ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए हम.,
चलते तो हैं वो साथ मेरे पर अंदाज देखिए,
जैसे की इश्क करके वो एहसान कर रहें है.,
राह यूँ ही नामुक्क्मल ग़म-ए-इश्क का फ़साना,
मुझ को नींद नहीं आयी सो गया ज़माना.,
जूनून-ए-इश्क नहीं रास आया हमें,
जब भी देखा आइना, अक्स उनका ही नजर आया हमें.,
इश्क कर लिजीए बेइन्तेहा किताबो से,
जिन्दगी के पन्ने इन्ही से मुक्कमल होते हैं.,
Conclusion
यही सभी Hindi Ishq Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।