Javed Akhtar Shayari – दोस्तों आप सभी ने जावेद अख्तर का नाम तो सुना ही होगा इनको अपने कई बार मूवी व कवि समेलन मे जरूर देखा होगा। जावेद अख्तर एक ऐक्टर के साथ – साथ एक कवि व शायर भी ही इन्होंने एक से बाद कर एक बढ़िया शायरी कही है जिन्हे सुनने के लिए बहुत लोग काफी अपना कीमती समय निकाल कर इनकी शयरियों को सुनते है।
आज हम सब भी अपना थोड़ा स समय निकाल कर Javed Akhtar Shayari की आनंद लेंगे और समझेंगे की जावेद जी ने इन सभी शयरियों के सहारे क्या कहने का जिक्र किया है तो आइए सुना जाए Shayari Javed Akhtar और अगर यह सभी शायरी पसंद आए तो इन्हे अपने दोस्तों मे शेयर भी करिए।
Javed Akhtar Shayari in Hindi
अब आइए आपको हम यह स्पेशल Javed Akhtar Shayari in Hindi पढ़ाने जा रहे जो आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगी साथ मे आप इन सभी जावेद अख्तर शायरी को अपने दोस्तों मे भी शेयर कर सकते है ताकि वह भी जावेद जी की महान शायरी को पढ़ाने का आनंद ले सके।
बहाना ढूँढते रहते हैं कोई रोने का,
हमें ये शौक़ है क्या आस्तीं भिगोने का.,
अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी,
हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का.,
सब का ख़ुशी से फ़ासला एक क़दम है,
हर घर में बस एक ही कमरा कम है.,
तुम अपने क़स्बों में जाके देखो वहां भी अब शहर ही बसे हैं,
कि ढूँढते हो जो ज़िन्दगी तुम वो ज़िन्दगी अब कहीं नहीं है.,
अपनी वजहे-बरबादी सुनिये तो मज़े की है,
ज़िंदगी से यूँ खेले जैसे दूसरे की है.,
जो मुंतजिर न मिला वो तो हम हैं शर्मिंदा,
कि हमने देर लगा दी पलट के आने में.,
उन चराग़ों में तेल ही कम था,
क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे.,
पहले भी कुछ लोगों ने जौ बो कर गेहूँ चाहा था,
हम भी इस उम्मीद में हैं लेकिन कब ऐसा होता है.,
मिरे वुजूद से यूँ बेख़बर है वो जैसे,
वो एक धूपघड़ी है मैं रात का पल हूँ.,
बहुत आसान है पहचान इसकी,
अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है.,
खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते,
सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते,
काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता.,
मुझे गम है कि मैने जिन्दगी में कुछ नहीं पाया,
ये गम दिल से निकल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ.,
नहीं मिलते हो मुझसे तुम तो सब हमदर्द हैं मेरे,
ज़माना मुझसे जल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ.,
ये दुनिया भर के झगड़े घर के किस्से काम की बातें,
बला हर एक टल जाए,अगर तुम मिलने आ जाओ.,
तू तो मत कह हमें बुरा दुनियातू ने ढाला है और ढले हैं हम,
तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थेअब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है.,
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं,
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं,
रास्ता रोके खड़ी है यही उलझन कब से,
कोई पूछे तो कहें क्या कि किधर जाते हैं.,
घर से चला तो दिल के सिवा पास कुछ न था,
क्या मुझ से खो गया है मुझे क्या मलाल है.,
वो ज़माना गुज़र गया कब का,
था जो दीवाना मर गया कब का,
ढूँढता था जो इक नई दुनिया,
लूट के अपने घर गया कब का.,
Javed Akhtar Shayari Collection
दोस्तों आपको हम इस पोस्ट के मध्ययम से सभी Javed Akhtar shayari Collection पढ़ा रहे है जो की आपको कही और नहीं मिलेगी तो अगर आप इन सभी शायरी को पढ़ रहे तो आपका बहुत – बहुत धनयवाद क्योंकि यह सभी orignal shayari by javed akhtar in hindi जी की है.
इस शहर में जी ने के अंदाज निराले है,
होंठो पे लतीफे है आवाज़ में चाले है.,
मैं पा सका न कभी इस खलिश से छुटकारा,
वो मुझ से जीत्त भी सकता था जाने क्यों हारा.,
छोड़ कर जिस को गए थे आप कोई और था,
अब मैं कोई और हूँ वापस तो आ कर देखिए,
अक़्ल ये कहती दुनिया मिलती है बाज़ार में,
दिल मगर ये कहता है कुछ और बेहतर देखिए.,
तमन्ना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,
यह मौसम ही बदल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ.,
यह दुनिया भर के झगडे, घर के किस्से, काम की बातें,
बला हर एक टल जाये, अगर तुम मिलने आ जाओ.,
हम तो बचपन में भी अकेले थे,
सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे.,
धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है,
न पूरे शहर पर छाए तो कहना.,
तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे,
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है.,
खुला है दर प तिरा इंतिज़ार जाता रहा,
ख़ुलूस तो है मगर ए’तिबार जाता रहा.,
डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से,
लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा.,
एक ये दिन जब अपनों ने भी हम से नाता तोड़ लिया,
एक वो दिन जब पेड़ की शाख़ें बोझ हमारा सहती थीं.,
तुम ये कहते हो कि मैं ग़ैर हूँ फिर भी शायद,
निकल आए कोई पहचान ज़रा देख तो लो.,
छत की कड़ियों से उतरते हैं मिरे ख़्वाब मगर,
मेरी दीवारों से टकरा के बिखर जाते हैं.,
हर तरफ़ शोर उसी नाम का है दुनिया में,
कोई उस को जो पुकारे तो पुकारे कैसे.,
इन चराग़ों में तेल ही कम था,
क्यूँ गिला फिर हमें हवा से रहे.,
अक़्ल ये कहती दुनिया मिलती है बाज़ार में,
दिल मगर ये कहता है कुछ और बेहतर देखिए.,
तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे,
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है.,
तुम फ़ुज़ूल बातों का दिल पे बोझ मत लेना,
हम तो ख़ैर कर लेंगे ज़िंदगी बसर तन्हा.,
तमन्ना फिर मचल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ,
यह मौसम ही बदल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ.,
दिल में उम्मीद की सौ शम्में जला रखी हैं,
ये हसीं शम्में बुझाने के लिए मत आना.,
जाते जाते वह मुझे, अच्छी निशानी दे गया,
उम्र भर दोहराऊंगा, ऐसी कहानी दे गया,
उस से मैं कुछ पा सकू, ऐसी कहां उम्मीद थी.,
क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा,
कुछ न होगा तोह तज़ुर्बा होगा,
हँसती आँखों में झांक कर देखो,
कोई आंसूं कहीं छुपा होगा.,
तुम्हारी फुर्कत में जो गुजरता है,
और फिर भी नहीं गुजरता.,
मैं वक्त कैसे बयाँ करूँ वक्त और क्या है,
कि वक्त बांगे जरस नहीं जो बता रहा है.,
हमको उठना तो मुंह अंधेरे था,
लेकिन एक ख्वाब हमको घेरे था.,
Conclusion
यही सभी Javed Akhtar Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।