Jumma Mubarak Status – दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट के मध्यम से Jumma Mubarak Status पढ़ाने जा रहे जोकी आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगी तो अगर आप अनलाइन Jumma Mubarak Status खोज रहे हो तो आप इस पोस्ट को पढे जिसमे हमने आपको एक से बढ़ कर एक अच्छी Jumma Mubarak Status पढ़ाई है जो की आपको बहुत ज्यादा पसंद भी आएगी तो आइए सुरू करे पढ़ना इन सभी शायरी को।
Jumma Mubarak Status in Hindi
अब आपको हम यह Jumma Mubarak Status in Hindi पढ़ाने जा रहे जोकी आपको बहुत पसंद आएगी आप इन सभी शायरी को अपने दोस्तों को व परिवार के सदस्यों को भी Jumma Mubarak Shayari वाद देने के लिए शेयर कर सकते है।
बह रही अजीब हैं नादान-ए-दिल की खवाइशया,
रब अमल कुछ नहीं और दिल तलबगार हैं जन्नत का.,
काश उन को भी याद आउ मे जुम्मा की दुआओ मे,
जो अक्सर मुझसे कहते हैं दुआओ मे याद रखना,
सुकून” और “प्यार” ये चीज़ें ज़िन्दगी मैं ख़ूबसूरत बनती हैं,
अल्लाह पाक आप की ज़िन्दगी मैं किसी एक की भी कमी न करे.,
बाह रही अजीब हैं नादान-ए-दिल की खवाइश,
या रब अमल कुछ नहीं और दिल तलबगार हैं जन्नत का.,
वो चमक चाँद में है न सितारों में हैं,
जो मदीने के दिलकश नजारों में हैं,
बेजुबान पत्थरों को भी बख्श दी जुबान,
इतनी ताकत मेरे नबी के इशारों में हैं.,
दुनिया में सुकून की तलाश है,
या अल्लाह तेरा बाँदा बहुत उद्दस है,
ढूंड रहा है इंसान राहत दुनिया में,
जब के सारी मसले का हाल नमाज़ है.,
ईमान में ही कोई कसर होता हैं,
वरना दुआओं का खूब असर होता हैं.,
रब से जब भी मांगो रब को ही मांगो,
जब रब तुम्हारा होगा तो सब तुम्हारा होगा.,
मेरी खाली झोली में दुआ के अल्फाज़ डाल दो,
क्या पता तुम्हारे होठ हिले और मेरी तकदीर संवर जाए.,
तू अगर मुझे नवाजता है तो ये तेरा करम है या रब,
वरना तेरी रहमतो के काबिल मेरी बंदगी नहीं.,
वो चमक चाँद में है न सितारों में हैं,
जो मदीने के दिलकश नजारों में हैं,
बेजुबान पत्थरों को भी बख्श दी जुबान,
इतनी ताकत मेरे नबी के इशारों में हैं.,
दिल को जो जगा दे वो एहसास हैं अल्लाह,
ए बाँदा ए मोमिन तेरा दिल क्यों उदास हैं,
दिल से ज़रा पुकार तेरे पास हैं अल्लाह.,
काश उन को भी याद आऊं में जुम्मा की दुआओं में,
जो अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना.,
सारी तारीफे ऊस खुदा के लिए है जो बोलने,
वाले का कलाम को सुन्नता है खामूश,
रहने वाले के दिल की बात जनता है.,
हर किसी के लिए दुआ किया करो,
किया पता किसी की किस्मत,
तुम्हारी दुआ का इंतज़ार कर रही हो.,
आज तो मेरी हक में कर देना दुआ,
सुना है यह बोहुत क़बूल्यात का होता है.,
साडी तारीफ़ें ऊस खुदा के लिए है जो बोलने,
वाले का कलाम को सुन्नता है खामूश,
रहने वाले के दिल की बात जनता है.,
काश उन को भी याद आऊं में जुम्मा की दुआओं में,
जो अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना.,
जो किस्मत में न हो,
वोह रोने से नहीं मिलता,
मगर दुआ से मिल जाता है.,
दिलों के झूकने से होते है आबाद घर खुदा के,
सिर्फ सजदों से नहीं सजती वीरान मस्जोदें कभी.,
जब रन राज़ी होने लगता है तो,
बंदे को अपने ऐबों का पता चलना शुरू हु जाता है,
और ये इसकी रहमत की पहेली निशानी है.,
नमाज़ में दिल को,
तन्हाई में सोच को,
महफ़िल में जुबां को,
रास्ते में निघा को.,
अल्लाह सब के साथ हैं,
तस्वीर ए कैनात का अक्स हैं अल्लाह,
दिल को जो जगा दे वो एहसास हैं अल्लाह,
ए बाँदा ए मोमिन तेरा दिल क्यों उदास हैं,
दिल से ज़रा पुकार तेरे पास हैं अल्लाह.,
जीवन में कुछ अच्छे कर्म भी कर लिया करो,
गरीबों के लिए भी इक दुआ पढ़ लिया करो.,
सुकून और प्यार ये चीज़ें ज़िन्दगी मैं ख़ूबसूरत बनती हैं,
अल्लाह पाक आप की ज़िन्दगी मैं किसी एक की भी कमी न करे.,
बह रही अजीब हैं नादान-ए-दिल की खवाइशया,
रब अमल कुछ नहीं और दिल तलबगार हैं जन्नत का.,
साडी तारीफ़ें ऊस खुदा के लिए है जो बोलने,
वाले का कलाम को सुन्नता है खामूश,
रहने वाले के दिल की बात जनता है.,
काश उन को भी याद आऊं में जुम्मा की दुआओं में,
जो अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना.,
जो किस्मत में न हो,
वोह रोने से नहीं मिलता,
मगर दुआ से मिल जाता है.,
या अल्लह आज जुमा की नमाज़ के बाद जितने भी,
हाथ तेरी बारगाह में दुआ के लिये उठे है,
सब की दुवा कुबूल फरमा.,
या अल्लह आज जुमा की नमाज़ के बाद जितने भीहाथ,
तेरी बारगाह में दुआ के लिये उठे हैसब की दुवा कुबूल फरमा.,
तस्वीर ए कायनात का अक्स हैं अल्लाह,
दिल को जो जगा दे वो एहसास हैं अल्लाह,
ए बाँदा ए मोमिन तेरा दिल क्यों उदास हैं,
दिल से ज़रा पुकार तेरे पास हैं अल्लाह.,
हर किसी के लिए दुआ किया करो,
किया पता किसी की किस्मत,
तुम्हारी दुआ का इंतज़ार कर रही हो.,
काश उन को भी याद आऊं में जुम्मा की दुआओं में,
जो अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना.,
काश उन को भी याद आऊं में जुम्मा की दुआओं में,
जो अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना.,
सारी तारीफे ऊस खुदा के लिए है जो बोलने,
वाले का कलाम को सुन्नता है खामूश,
रहने वाले के दिल की बात जनता है.,
दिलों के झूकने से होते है आबाद घर खुदा के,
सिर्फ सजदों से नहीं सजती वीरान मस्जोदें कभी.,
मेरी झोली में कुछ अल्फाज दुआ के डाल दो,
क्या पता तुम्हारे लब हिले मेरी तकदीर संवर जाए.,
ईमान में ही कोई कसर होता हैं,
वरना दुआओं का खूब असर होता हैं.,
रब से जब भी मांगो रब को ही मांगो,
जब रब तुम्हारा होगा तो सब तुम्हारा होगा.,
कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
कि ख़ुदा नूर भी बरसाता है आजमाइशों के बाद.,
तू अगर मुझे नवाजता है तो ये तेरा करम है या रब,
वरना तेरी रहमतो के काबिल मेरी बंदगी नहीं.,
ख़ुदा के सजदें में जब मैं सिर को झुकाता हूँ,
मैं अपने सारे दुःख-दर्दों का हल पाता हूँ.,
पलकों पे अपनी बिताया है तुम्हे,
बढ़ी दुआओ के बाद पाया है तुम्हे,
आसानी से नहीं मिले हो तुम हमें,
दिल्ली के चिड़ियाघर से चुराया है तुम्हें.,
दिलों के झूकने से होते है आबाद घर खुदा के,
सिर्फ सजदों से नहीं सजती वीरान मस्जोदें कभी.,
साडी तारीफ़ें उस खुदा के लिए है जो बोले वाले का कलाम को,
सुन्नता है और खामोश रहने वाले के दिल की बात जानता है.,
काश उन को भी याद आऊँ में जुम्मा की दुआओं में जो,
अक्सर मुझसे कहते है दुआओं में याद रखना.,
चार चीज़ों को खूब संभाल क रखो नमाज़ में दिल को,
तन्हाई में सोच को महफ़िल में जुबां को रास्ते में नीगाह को.,
काश उनको भी याद आओ मै जुम्मा की दुआ में,
जो अक्सर कहते है मुझसे दुआ में याद रखना.,
अल्लाह के हुज़ूर में सर को झुका के देख,
मिलत है क्या नमाज में सजदे में जान दे देख.,
नमाज़ से वो शान है जो रोक दी है तवफ़-ए-काबा कोई ई इन्सान,
तुम्हारा कमो का क्या औकात है जीस के नामाज को छोर डेटा है.,
ए बाँदा ए मोमिन तेरा दिल क्यों उदास हैं,
दिल से ज़रा पुकार तेरे पास हैं अल्लाह.,
सर झुकाने की खूबसूरती भी,
क्या कमाल की होती हैं,
धरती पर सर रखों और,
दुआ आसमान में कुबूल हो जाती हैं.,
होती ना गर मक़सुद मुहम्मद की वीलादत,
आदम को फ़िर ज़मीन पर उतारा नहीं जाता.,
सुकून क्या है ये सिर्फ अल्लाह,
के आगे झुकने वाले जानते है.,
जब रन राजी होने लगता है तो,
बंदे को अपने ऐबों का पता चलना शुरू हु जाता है,
और ये इसकी रहमत की पहेली निशानी है.,
या अल्लह आज जुमा की नमाज के बाद जितने भी,
हाथ तेरी बारगाह में दुआ के लिये उठे है,
सब की दुवा कुबूल फरमा.,
सारी तारीफे ऊस खुदा के लिए है जो बोलने,
वाले का कलाम को सुन्नता है खामूश,
रहने वाले के दिल की बात जनता है.,
कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
की खुदा नूर भी बरसाता है आजमाइशों के बाद.,
दुआ माँग लिया करो दवा से पेहले,
कोई नही देता शीफा खुदा से पेहले.,
आज तो मेरे हक में कर देना दुआ,
सुना है यह बोहुत क़बूल्यात का होता है.,
जीवन में कुछ अच्छे कर्म भी कर लिया करो,
गरीबों के लिए भी इक दुआ पढ़ लिया करो.,
दुआ माँग लिया करो दवा से पहले,
कोई नही देता शिफ़ा खुदा से पहले.,
रब से जब भी मांगो रब को ही मांगो,
जब रब तुम्हारा होगा तो सब तुम्हारा होगा.,
पूरा जीवन बीत जाएँ ख़ुदा की बंदगी में,
पाँचों वक्त का नमाज अदा करू जिंदगी में.,
कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
कि ख़ुदा नूर भी बरसाता है आजमाइशों के बाद.,
अल्लाह सारी ख्वाहिशें मुक्कमल किया करें,
जो खुदा की सजदे में सिर झुकाया करें.,
वो चमक चाँद में है न सितारों में हैं,
जो मदीने के दिलकश नजारों में हैं,
बेजुबान पत्थरों को भी बख्श दी जुबान,
इतनी ताकत मेरे नबी के इशारों में हैं.,
नहीं मायूस मैं अपने खुदा से,
बदल जाती है किस्मत दुआ से.,
ख़ुदा के सजदें में जब मैं सिर को झुकाता हूँ,
मैं अपने सारे दुःख-दर्दों का हल पाता हूँ.,
Conclusion
यही सभी Jumma Mubarak Status आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।