दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट के मध्ययम से Majburi Shayari पढ़ाने जा रहे क्योंकि आज के समय मे बहुत से ऐसे लोग है जो अगर कोई चीज नहीं चाहते लेकिन उनको वो चीज करनी पड़ती और वो चीज उनको मजबूरी मे करनी पड़ती है।

इस लिए इन मजबूर लोगों के लिए आज हम एह कुछ स्पेशल Majburi Shayari पढ़ाने जा आढ़े जोकी आपको और भी ज्यादा पसंद आएगी क्योंकि इससे आपको यह अहसास होगा की की तरह आप ने मजबूरी मे अपने उस काम को पूरा किया जिसे आप करना भी नहीं चाहते थे तो आइए पढिए हमारे साथ यह Majburi Shayari और फिर इन सभी मजबूरी शायरी को शेयर अपने उन दोस्तों के साथ जो आप की ही तरह मजबूरी का सीकर है।

 

Majburi Shayari in Hindi

अब आइए आपको हम यह Majburi Shayari in Hindi पढ़ाने जा रहे जोकी आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगी आप इन सभी Majburi Shayari को अपने दोस्तों के साथ शेयर करके उनको भी यह शायरी पढ़ा सकते है।

 

मिलना एक इत्तेफ़ाक है,
और बिछड़ना मजबूरी है,
चार दिन की इस जिन्दगी में,
सबका साथ होना जरूरी है.,

 

इंसान मजबूर होता नहीं हैं बल्कि परिस्तिथियाँ उसे मजबूर बनाती है,

इंसान पैसो के पीछे भागना नहीं चाहता पर जरूरते उसे दौड़ाती है.,

 

ना जाने उसकी मज़बूरी रही होगी,

बड़ी बेरहमी से दिल तोड़ा है उसने मेरा.,

 

अगर तेरी मजबूरी है भूल जाने की,
तो मेरी आदत है तुझे याद रखने की.,

 

हर कोई किसी की मज़बूरी नहीं समझता,
दिल से दिल की डोरी नहीं समझता,
कोई तो किसी के बिना मर मर के जीता है,
और कोई कीड़ी को याद करना भी ज़रूरी नशी समझता.,

 

Hanuman ji Status

 

मेरे दिल की मजबूरी को कोई इल्जाम न दे,
मुझे याद रख बेशक मेरा नाम न ले,
तेरा वहम है कि मैंने भुला दिया तुझे,
मेरी एक भी साँस ऐसी नहीं जो तेरा नाम न ले.,

 

कभी गम तो कभी ख़ुशी देखी,
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी,
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें,
हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी.,

 

नविश्ता था, जो हो गया, इसमें तेरी ख़ता नहीं,
चलो मान लेते हैं तू मजबूर था, बेवफा नहीं.,

 

एक बार और देख कर आज़ाद कर दे मुझे,
में आज भी तेरी पहली नज़र के क़ैद में हूँ.,

 

वो मजबूरियों से घिरा है, वो मजबूर बहुत है,
वो डरता नहीं मोहब्बत से, इसलिए मशहूर बहुत है.,

 

Majburi Shayari

 

हरा सकती है, डरा सकती है, वो मजबूरी है,
वो इंसान से कुछ भी करा सकती है.,

 

हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में,
मोहब्बत का नाम लिया दवाख़ाने बन्द हो गये.,

 

ज़िन्दगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ,
मगर किसी के हालात और मजबूरी का नहीं.,

 

जो लोग आपकी मजबूरी को समझते है,
वही आपके मजबूरी का फायदा उठाते है.,

 

खोजोगे तो हर मंज़िल की राह मिल जाती है,
सोचोगे तो हर बात की वजह मिल जाती है,
ज़िंदगी इतनी मजबूर भी नही ऐ दोस्त,
प्यार भी जीने की वजह बन जाती है.,

 

Crying Shayari

 

जब कोई मजबूरी में जुदा होता है,
जरूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देखकर आंसू आपकी आँखों में,
उसका भी दिल आपसे ज्यादा रोता है.,

 

उसको तो सही से बिछड़ना भी नहीं आता,
जाते-जाते भी खुद को मेरे दिल में छोड़ गये.,

 

संवर रहें हैं वो अब किसी और के खातिर,
पर हम तो आज भी बिखरे हैं उन्ही के खातिर.,

 

दिल में लगी आग, जब वो ख़फ़ा हुए,
ये महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
वफ़ा करके तो कुछ दे न सके वो,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए.,

 

मजबूरियों को तुम्हारी समझते-समझते,
हर बात तुम्हारी समझ गए हम.,

 

Majburi Shayari

 

जब कोई मजबूरी में जुदा होता है,
जरूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देखकर आंसू आपकी आँखों में,
उसका भी दिल आपसे ज्यादा रोता है.,

 

कभी दिलों में हंसी तो कभी गम भी हैं,
मुस्कुराती हुई आँखें कभी नम भी हैं,
होठों की मुस्कान कभी फीकी ना हो आप की,
क्यूंकि आपकी मुस्कुराहट के दीवाने हम भी हैं.,

 

एहसासों की नमी बेहद जरुरी है हर रिश्ते में,
रेत अगर सूखी हो तो हाथों से फिसल ही जाती है.,

 

कभी गम तो कभी ख़ुशी देखी,
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी,
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें,
हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी.,

 

हमने खुदा से बोला वो छोड़ के चली गई,
न जाने उसकी क्या मजबूरी थी,
खुदा ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं,
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी.,

 

चाँद की चांदनी आँखों में उतर आयी,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई.,

 

लोग आपकी मजबूरी समझते हैं,

तभी तो उसका फायदा उठाते हैं.,

 

ये दिल मेरा हैं, लेकिन फिर भी तेरा हैं,
दर्द तुमको होता हैं,तो क्यों रोता दिल मेरा हैं.,

 

मैं तो दीवाना तेरा हूं, फिर मैं तेरा क्यों ना बन पाऊ.,
जो तू मेरी ना बनी तो मैं जीते जी मर जाऊ.,

 

मैंने तुझसे प्यार किया नहीं,
फिर भी तू मुझसे ही प्यार किया,
जाते – जाते तू ये भी नहीं कहा,
मैं तेरे लिए किस तरह से जिया.,

 

Majburi Shayari

 

तू मेरे लिए बहुत कुछ कि
तुझसे अब शिकायत नहीं करना,
सोचे थे कि साथ – साथ जियेगें,
लेकिन अब अकेले ही है मरना.,

 

मेरे लिए वो ओर हम उसके लिए रोते रहे,
जमाना तो इस प्यार का दुश्मन बने रहे,
करते तो हम क्या  करते,
सब अलग करने का कोशिश करते रहे.,

 

जाने क्या ऎसी मजबूरी थी,
दोनों पास होके भी दूरी थी,
हम दोनों को मिलने ही ना मिला,
जाने क्या ऎसी मजबूरी थी.,

 

मेरी थी वो लेकिन मेरी ना बन पाई,
जाने क्या जो थी इसकी मजबूरी.,

 

Majburi Shayri

दोस्तों अब आपको हम इस पोस्ट मे Majburi Shayri की कुछ स्पेशल शायरी पढ़ाने जा रहे जोकी आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगी आप बस इन सभी Majburi Shayari को पढे और अपने दर्द को कम करे।

 

तू मेरे लिए हवा की तरह जरूरी है,
तेरे बिना जीना तो बस मजबूरी है.,

 

मजबूरी में और कुछ करो या न इतना जरुर करना,
मजबूर होकर कभी किसी से कोई वादा मत करना.,

 

क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम,
तू भी इंसान है कोई खुदा तो नहीं,
मेरा वक़्त जो होता मेरे मुनासिब,
मजबूरिओं को बेच कर तेरा दिल खरीद लेता.,

 

क्यूँ करते हो वफ़ा का सौदा,
अपनी मजबूरिओं के नाम पर,
मैं तो अब भी वो ही हूँ,
जो तेरे लिए जमाने से लड़ा था.,

 

कितने मजबूर हैं हम,
प्यार के हाथों,
ना तुझे पाने की औकात,
ना तुझे खोने का हौसला.,

 

न पोच मेरे सर्ब की इम्तेहान कहाँ तक है,
तो सितम कर ले तेरी हसरत जहाँ तक है.,
वफ़ा कि उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हम्हे देखना है तो बेवफा कहाँ तक है.,

 

Majburi Shayari

 

फ़र्ज़ थे जो मेरा निभा दिया मैंने,
उसने मनाग जो वो सब दे दिया मैंने,
वो सुनके गैरों की बातें बेवफा हु गए,
समझ के खुवाब उसके आखिर भुला दिया मैंने.,

 

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न च कर भी खामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कहे पियार जताता है,
कोई कुछ बिना कहे भी सब बोल जाता है.,

 

हर कोई किसी की मज़बूरी नहीं समझता,
दिल से दिल की डोरी नहीं समझता,
कोई तो किसी के बिना मर मर के जीता है,
और कोई कीड़ी को याद करना भी ज़रूरी नशी समझता.,

 

तुझसे दूर रहेकर मोहब्बत बढ़ती जा रही है,
केसे कहूँ ये दुरी तुझे और करीब ला रही है.,

 

हकीक़त जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन को अपनी सुनाने से पहेले,
ये सोच लेना भुलाने से पहेले,
बहुत रोयी है ये आँखें मुश्कुराने से पहेले.,

 

काश तो समझ सकता किसी के उसूलों को,
किसी की साँसों में समां कर उसे तनहा नहीं करते.,

 

एक बार और देख कर आज़ाद कर दे मुझे,
में आज भी तेरी पहली नज़र के क़ैद में हूँ.,

 

जाने क्या ऎसी मजबूरी थी,
दोनों पास होके भी दूरी थी,
हम दोनों को मिलने ही ना मिला,
जाने क्या ऎसी मजबूरी थी.,

 

अगर तेरी मजबूरी है भूल जाने की,
तो मेरी आदत है तुझे याद रखने की.,

 

तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मज़बूरी है,
तो रहेने दे इश्क कौन सा ज़रूरी है.,

 

Majburi Shayari

 

बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे,
कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ.,

 

मजबूरी जैसी भी हो बताना मत,
यहाँ सभी के पास दिमाग है दिल से कोई नहीं सुनेगा.,

 

किसी की मजबूरी कोई समझता नहीं,
दिल टूटे तो दर्द होता है मगर कोई कहता नहीं.,

 

कितने मजबूर हैं हम प्यार के हाथों,
ना तुझे पाने की औकात ना तुझे खोने का हौसला.,

 

कभी गम तो कभी ख़ुशी देखी,
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी,
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझें,
हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी.,

 

आप दिल से यूँ पुकारा ना करो,
हमको यूँ प्यार से इशारा ना करो,
हम दूर हैं आपसे ये मजबूरी है हमारी,
आप तन्हाइयों मे यूँ रुलाया ना करो.,

 

चाँद की चांदनी आँखों में उतर आयी,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई.,

 

जब कोई आपसे मजबूरी में जुदा होता है,
जरूरी नही वो इंसान वेबफा होता है,
जब कोई देता आपको जुदाई के आँसू,
तन्हाइयों में वो आपसे ज्यादा रोता है.,

 

मेहफिल मैं कुछ तो सुनाना पडता है,
ग़म छुपाकर मुस्कुराना पडता है,
कभी उनके हम भी थे दोस्त,
आज कल उन्हे याद दिलाना पडता है.,

 

वो रोए बहुत पर मुह मोड़ के रोए,
कोई तो मजबूरी होगी दिल तोड़ कर रोए,
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े,
पता चला पीछे वो उन्हें जोड़ के रोए.,

 

 

अस्पताल एक ऐसी जगह है,
जहां कोई नहीं जाना चाहता,
पर मजबूरी में सबको जाना पड़ता है.,

 

ज़ख्म सब भर गए बस एक चुभन बाकी है,
हाथ में तेरे भी पत्थर था हजारो की तरह,
पास रहकर भी कभी एक नहीं हो सके,
कितने मजबूर हैं दरिया के किनारों की तरह.,

 

मजबूरी में जब जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं के वो बेवफा होता है,
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है.,

 

ये न समझ के मैं भूल गया हूँ तुझे,
तेरी खुशबू मेरी सांसो में आज भी है,
मजबूरी ने निभाने न दी मोहब्बत,
सच्चाई तो मेरी वफ़ा में आज भी है.,

 

बोझ उठाना शौक़ कहाँ है मजबूरी का सौदा है,

रहते रहते स्टेशन पर लोग क़ुली हो जाते हैं.,

 

Majburi Status { Majburi Shayari }

दोस्तों अब आपको हम कुछ Majburi Status भी पढ़ने जा रहे जोकी आपको और भी ज्यादा पसंद आएगा आप बस इन सबही Majburi Shayari की स्पेशल Status को पढिए और शेयर करिए।

 

मैं बोलता हूँ तो इल्ज़ाम है बग़ावत का,

मैं चुप रहूँ तो बड़ी बेबसी सी होती है.,

 

एक मजबूर का तन बिकता है मन बिकता है,

इन दुकानों में शराफ़त का चलन बिकता है.,

 

तसल्ली से पढा होता तो समझ मे आ जाते हम,
कुछ पन्ने. बिना पढे ही पलट दिये होग तुमने.,

 

क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम,
तू भी इंसान है कोई खुदा तो नहीं,
मेरा वक़्त जो होता मेरे मुनासिब,
मजबूरिओं को बेच कर तेरा,
दिल खरीद लेता.,

 

आप दिल से यूँ पुकारा ना करो,
हमको यूँ प्यार से इशारा ना करो,
हम दूर हैं आपसे ये मजबूरी है हमारी,
आप तन्हाइयों मे यूँ रुलाया ना करो.,

 

मजबूरियॉ ओढ़ के निकलता हूं,
घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है,
बारिशों में भीगनें का.,

 

 

मिलना एक इत्तेफ़ाक है,
और बिछड़ना मजबूरी है,
चार दिन की इस जिन्दगी में,
सबका साथ होना जरूरी है.,

 

कितने मजबूर हैं हम,
प्यार के हाथों,
ना तुझे पाने की औकात,
ना तुझे खोने का हौसला.,

 

जब कोई आपसे मजबूरी में जुदा होता है,
जरूरी नही वो इंसान वेबफा होता है,
जब कोई देता आपको जुदाई के आँसू,
तन्हाइयों में वो आपसे ज्यादा रोता है.,

 

मेरे दिल की मजबूरी को कोई इल्जाम न दे,
मुझे याद रख बेशक मेरा नाम न ले,
तेरा वहम है कि मैंने भुला दिया तुझे,
मेरी एक भी साँस ऐसी नहीं जो,
तेरा नाम न ले.,

 

हमने खुदा से बोला वो छोड़ के चली गई,
न जाने उसकी क्या मजबूरी थी,
खुदा ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं,
ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी.,

 

क्यूँ करते हो वफ़ा का सौदा,
अपनी मजबूरिओं के नाम पर,
मैं तो अब भी वो ही हूँ,
जो तेरे लिए जमाने से लड़ा था.,

 

कोई मजबूरी होगी जो वफा,
कर ना सके,
मेरे मेहबूब को ना शामिल,
करो बेवफाओ में.,

 

थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ,
मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ.,

 

किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ यारों,
जिन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है.,

 

चाँद की चांदनी आँखों में उतर आयी,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई.,

 

 

ये न समझ के मैं भूल गया हूँ तुझे,
तेरी खुशबू मेरी सांसो में आज भी है,
मजबूरी ने निभाने न दी मोहब्बत,
सच्चाई तो मेरी वफ़ा में आज भी है.,

 

मैं मजबूरियां ओढ़ कर निकलता हूँ घर से आज कल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशों में भीगने का.,

 

जो लोग आपकी मजबूरी को समझते है,
वही आपके मजबूरी का फायदा उठाते है.,

 

राज की गहराई आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे है हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफ़ाई.,

 

मेरी मोहबत है वो कोई मजबूरी नहीं,
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नहीं,
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो,
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नहीं.,

 

उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है,
उनसे नहीं कहे पाना हमारी मजबूरी है,
ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को,
क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है.,

 

हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,
हमारी मजबूरी से कही टूट न जाना,
तुम्हारी मोहब्बत ही हमारी जिन्दगी है,
इस प्यारे से रिश्ते को भूल न जाना.,

 

Conclusion

यही सभी Majburi Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व  Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।

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