दोस्तों आज हम आपको यह Nafrat Shayari पढ़ाने जा रहे जो की आपको बहुत पसंद आएगी क्योंकि आप तो पता है, जब कोई किसी से नफरत करता तो वह उसकी सकल भी देखना पसंद नही करता और फिर वह उससे बात भी नहीं करता है। लेकिन कही न कही आपके मन मे हमेशा उस व्यक्ति को जिससे आप नफरत कर रहे हो उसको सबक य अहसास दिलाने का मन आपको जरूर करता है।
लेकिन जब आप उससे बाट नहीं कर रहे तो उनको अहसास कैसे दिलाओगे तो इसका भी जुगाड़ है हमारे पास आपको बस हमारी इन Nafrat Shayari को उसको सेंद करना जिसे पढ़ने के बाद उसको खुद ही अहसास हो जाएगा की उसने कितनी बड़ी गलती की है। आपसे दुश्मनी लेकर और हमारी यह Nafrat Shayari उस व्यक्ति को अपने गलतियों का अहसास दिलाने मे बहुत कारगर भी रहेंगी।
तो आइए सुरू करिए पढ़ना इन सभी Nafrat Shayari को और फिर इन Shayari on Nafrat को शेयर करिए उन लोगों के साथ जिनसे आप बहुत ज्यादा नफरत करते है। इन नफरत शायरी से उनको बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ेगा जो उस व्यक्ति को अपनी गलती का अहसास दिलाएगा।
Nafrat Shayari in Hindi
तो आइए सुरू करिए पढ़ना इन सभी Nafrat Shayari in Hindi को फिर इन सभी Nafrat Shayari को शेयर करिए उन के साथ जिनको देखना आप पसंद नहीं करते है।
दिलों में गर पली बेजा कोई हसरत नहीं होती,
हम इंसानों को इंसानों से यूँ नफरत नहीं होती.,
कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके.,
तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देता,
मेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता.,
वो वक़्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरज़ू थी,
अब तू खुदा भी बन जाए तो मैं सज़दा न करूँ.,
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं.,
मुझसे नफरत की अजब राह निकली उसने,
हँसता बसता दिल कर दिया खाली उसने,
मेरे घर की रिवायत से वोह खूब था वाकिफ,
जुदाई माँग ली बन के सवाली उसने.,
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ.,
ज्यादा कुछ नहीं बदला, उनके और मेरे बीच में,
पहले नफरत नहीं थी, अब मोहब्बत नहीं हैं.,
नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं,
जब भी मिलते है कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं.,
रात की गहराई आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई.,
हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे.,
चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह.,
वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,
लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी.,
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने,
सोचो अगर तुम मुहब्बत करते तो हम क्या करते.,
है खबर अच्छी कि आजा मुंह तेरा मीठा करें,
नफरतें तेरी हुई हैं बा-खुशी दिल को कुबूल.,
भुलाना ही था मुझको तो नफरत का सहारा क्यूँ,
डूबने देते मुझको यूँ ही दिखाया था किनारा क्यूँ.,
हमने तो लोगों को सच्चा प्यार भी भूलते देखा है,
मुझसे तेरा झुटा प्यार भी नहीं भुलाया जाता.,
दिल पर न मेरे यूँ वार कीजिये,
छोहो ये नफरत थोड़ा प्यार कीजिये.,
हमें बर्बाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बर्बाद हो जाओगे.,
जरुरत है मुझे नए नफरत करने वालों की,
पुराने तो अब मुझे चाहने लगे हैं.,
जिसके अहंकार पुरखो की कमाई पर पले है,
आज वो हमसे नफरत की लड़ाई जीतने चले है.,
दिलों में अगर पली बेजान कोई हसरत न होती,
हम इंसानों को इंसानों से यूँ नफरत न होती.,
थी नफरत अक्स से वो आईना तोड़ना सीख गया,
वो अपनी गलती पर भी मुँह मोड़ना सीख गया.,
तेरी नफरत ने ये क्या सिला दिया मुझे,
ज़हर गम-ए-जुदाई का पीला दिया मुझे.,
दिल में नफरतें पले तो क्या कीजिए,
वो बीमार होता है उसे सिर्फ़ प्यार दीजिये.,
मोहब्बत सच्ची हो तो कभी नफरत नहीं होती है.
अगर नफरत होती है तो मोहब्बत सच्ची नहीं होती है.,
हमें बर्बाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बर्बाद हो जाओगे.,
हकीकत इंसान का इंसान को पता हो जाए,
तो हर इंसान को हर इंसान से नफरत हो जाए.,
किसी के दिल को नफरत से भर दे,
ऐ खुदा किसी को ऐसी मोहब्बत न दे.,
नफरत हो तो यकीन नहीं दिलाना पड़ता है,
मोहब्बत में ही सबूत की जरूरत पड़ती है.,
मुझसे नफरत करनी है तो इरादे मजबूत रखना,
वरना जरा सा भी चुके तो मोहब्बत हो जायेगी.,
दिल टूटना लाजमी था इस शहर में,
जहाँ हर कोई दिल में नफरत लिए चलता है.,
मेरे दिल ने उस पर यकीन किया था,
नफरत क्यों करूँ अगर उसे दिल तोड़ दिया.,
गुजरे हैं, तेरे इश्क में कुछ इस मुकाम से,
नफरत सी हो गई है मोहब्बत के नाम से.,
मैं फना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं,
मेरी चाहतों से भी सच्ची रही नफरत उसकी.,
नफरत के बाजार में जीने का अलग ही मजा है,
लोग रूलाना नहीं छोड़ते और हम हँसना नहीं छोड़ते.,
कुछ लोग हमारी नफरत के काबिल भी नहीं होते,
और हम उन पर अपनी मोहब्बत जाया कर देते हैं.,
जरूरत है मुझे नये नफरत करने वालों की,
पुराने तो अब मुझे चाहने लगे है.,
हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे.,
चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह.,
लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है.,
बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर.,
वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,
लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी.,
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने,
सोचो अगर तुम मुहब्बत करते तो हम क्या करते.,
है खबर अच्छी कि आजा मुंह तेरा मीठा करें,
नफरतें तेरी हुई हैं बा-खुशी दिल को कुबूल.,
भुलाना ही था मुझको तो नफरत का सहारा क्यूँ,
डूबने देते मुझको यूँ ही दिखाया था किनारा क्यूँ.,
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं.,
हमने तो लोगों को सच्चा प्यार भी भूलते देखा है,
मुझसे तेरा झुटा प्यार भी नहीं भुलाया जाता.,
मुझ से नफरत की अजब राह निकाली उसने,
हसता हुआ मेरा दिल कर दिया खाली उसने,
मेरे घर की रिवायत से वो खूब था वाकिफ,
जुदाई मांग ली बन के सवाली उसने.,
है खबर अच्छी के आजा मुँह तेरा मीठा करें,
नफरतें तेरी हुई हैं बा-खुशी दिल को कबूल.,
कभी उसने भी हमे चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उसे हमारे जिक्र से भी नफरत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था.,
एक नफरत ही है जिसे दुनिया,
चंद लम्हों मैं जान लेती है,
वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो,
ज़िन्दगी बीत जाती है.,
तुम नफरतों के धरने कयामत तक जारी रखो
मैं मोहब्बत से इस्तीफा मरते दम तक नहीं दूंगा.,
चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह.,
मुझसे नफरत की अजब राह निकली उसने,
हँसता बसता दिल कर दिया खाली उसने,
मेरे घर की रिवायत से वोह खूब था वाकिफ,
जुदाई माँग ली बन के सवाली उसने.,
नसीब मेरा क्यू मुझसे खफा हो जाता है,
अपना जिसको बी मनो बेवफा हो जाता है,
क्यू न हो शिकायत मेरी नज़रों को रात से,
सपना पूरा होता नहीं और सवेरा हो जाता है.,
वो बेवफा है अभी मुझपे ज़ुल्म ढाएगा,
के बाद मरने के वो मुझपे तरस खाएगा,
जो अपने घर की हिफ़ाज़त ना कर सके,
वो घर किसी का भला किस तरह बचायगे.,
दिलो में गर पली बेजा कोई हसरत नहीं होती,
हम इंसानों को इंसानों से यु नफरत नहीं होती.,
गर प्यार में बेवफाई मिले,
तो अपनी आंखें नम न करना,
कोई लाख नफ़रत करे तुमसे,
तुम अपना प्यार कम न करन.,
हक़ से करो नफ़रत मुझसे,
खैरात में तो हम मोहब्बत भी नहीं लेते.,
नफ़रत तेरी ऊंची थी,
मगर मैने तुम्हे चाहा था,
तुमने नहीं पुकारा मुझे,
मैने तो तुझे पुकारा था.,
काश दिल भी अपना यार होता,
न नफ़रत होती न ही प्यार होता.,
क्यूं इंकार करते हो इकरार के लिए,
नफ़रत करते हो प्यार के लिए,
क्यूं उल्टी चाल चलते हो प्यार करने वाले,
आंखे बंद करते हो दीदार के लिए.,
खून तो होना ही था इस बेवफा शहर में,
जिसे देखो वो अपने दिल में नफ़रत लिए घूमता है.,
उनकी इस कहानी को एक और फसाना मिल गया,
हमको उनसे नफ़रत का एक और बहाना मिल गया.,
जब तुम थी ही बेवफा तो नजरें मिलाई ही क्यों थी,
यूं अपनी आदत लगाई ही क्यूं थी.,
नफरत के शहर में मुझे प्यार की बस्ति बसानी है,
दूर रहना कोई बात नहीं,पास आओ तो बात बने.,
नफ़रत करोगी तो खुद बर्बाद हो जाओगी,
हमें बर्बाद करना सिर्फ प्यार के बस में है.,
नहीं हो तुम हिस्सा अब मेरी हसरत के,
तुम काबिल हो तो सिर्फ नफरत के.,
मोहब्बत करो तो हद से ज्यादा,
और नफरत करो तो उससे भी ज्यादा.,
तरक्की के दौर में नफरत लिये फिरते हैं,
जब अंहकार टुटता तो दर दर भटकते है.,
मुझसे नफरत करनी है तो इरादे मजबूत रखना,
वरना जरा सा भी चुके तो मोहब्बत हो जाएगी.,
इश्क़ में वफा का ग़ुरूर जब टूटता हैं,
तब सबसे ज्यादा नफरत खुद से ही होती हैं.,
दिल टुटना लाज़मी था इस शहर में,
जहाँ हर कोई दिल में नफरत लिये चलता है.,
कोई गुस्सा हो तुम्हारी भलाई के लिए,
समझ लेना उसके दिल में प्यार बहुत हैं तुम्हारे लिए.,
इश्क़ या खुदा को दिल मे बसा लो,
दिल से नफरत हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी.,
दिल में अगर पली बेजान कोई हसरत ना होती,
हम इंसानों को इंसानों से यू नफरत ना होती.,
जिसकी अंहकार पुरखो कि कमाई पर पले हैं,
आज वो हमसे नफरत कि लड़ाई जितने चले हैं.,
फूलो के साथ काटें भी मिल जाते हैं,
खुशी के साथ गम भी मिल जाते हैं,
यह तो मजबूरी हैं हर आशिक़ कि,
वरना प्यार में नफरत कोई जान बुझ कर नहीं करता.,
अगर इंसान खुशी चाहते हैं,
तो फिर क्यों दिल में नफरत पालते हैं.,
ऐ दोस्तों नफरतो को पाल कर उससे चिनगारी मत लगाओ,
खुदा ने तुमको क्या नहीं दिया कुछ अपना भी दिमाग लगाओ.,
मोहब्बत सच्ची हो तो कभी नफरत नहीं होती हैं,
अगर नफरत होती हैं तो मोहब्बत सच्ची नहीं होती हैं.,
हमे बर्बाद करना है तो हमसे प्यारा करो,
नफरत करोगे तो खुद बर्बाद हो जाऐगे.,
दिल पर ना मेरे यू वार कीजिए,
छोड़ो ये नफरत थोड़ा प्यार कीजिए,
तड़पते हैं जिस कदर तेरे प्यार में हम,
कभी खुद को भी उस कदर बेक़रार कीजिए.,
बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े हैं बहुत मेरी वफा का घर.,
प्यार करता हूँ इसलिए फिक्र करता हूँ,
नफरत करुगा तो जिक्र भी नहीं करुगा.,
ज़िन्दगी से नफरत किसे होती हैं,
मरने कि चाहत किसे होती हैं,
प्यार भी एक इतेफा़क होता हैं,
वरना आँसूओ से मोहब्बत किसे होती हैं.,
प्रेम की पतंग उड़ाना नफरत के पेंच काटना,
मांझे जितना लंबा रिश्ता बढ़ाना,दिल से इसे निभाना.,
जिस क़दर नफ़रत बढ़ाई उतनी ही क़ुर्बत बढ़ी,
अब जो महफ़िल में नहीं है वो तुम्हारे दिल में है.,
कैसे उन्हें भुलाऊँ मोहब्बत जिन्हों ने की,
मुझ को तो वो भी याद हैं नफ़रत जिन्हों ने की.,
अजीब सी आदत और गजब की फितरत है मेरी,
मोहब्बत हो कि नफरत हो बहुत शिद्दत से करता हूं.,
दिलों में गर पली बेजा कोई हसरत नहीं होती,
हम इंसानों को इंसानों से यु नफरत नहीं होती.,
गुजरें हैं राह ए इश्क में हुम उस मुकाम से,
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से.,
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना,
ज़रा से भी चुके तो मोहब्बत हो जाएगी.,
प्यार करता हूँ इसलिए फ़िक्र करता हूँ,
नफरत करूँगा तो ज़िक्र भी नहीं करूंगा.,
दिलों में गर पली बेजा कोई हसरत नहीं होती,
हम इंसानों को इंसानों से यूँ नफरत नहीं होती.,
चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह.,
कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके.,
हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,
जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे.,
लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है.,
बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर.,
तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही.,
मुझसे नफरत की अजब राह निकली उसने,
हँसता बसता दिल कर दिया खाली उसने,
मेरे घर की रिवायत से वोह खूब था वाकिफ,
जुदाई माँग ली बन के सवाली उसने.,
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था.,
ज्यादा कुछ नहीं बदला, उनके और मेरे बीच में,
पहले नफरत नहीं थी, अब मोहब्बत नहीं हैं.,
नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं,
जब भी मिलते है कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं.,
Conclusion
यही सभी Nafrat Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।