Ramzan Shayari – दोस्तों अगर आप इस रमजान को अपने दोस्तों व परिवार को बधाई देने के लिए कुछ अच्छी सी रंजन शायरी खोज रहे तो हम आपके लिए कुछ अच्छी से रमजान शायरी आपके लिए लेकर आए है।
यह शायरी आपको और जिन्हे आप सेंद करोगे उन सभी यह पसंद आने वाली है इस लिए आप इन Ramzan Shayari को जरूर पढे और अपने दोस्तों को शेयर भी धन्यवाद।
Ramzan Shayari in Hindi
आइए सुरू करते कुछ स्पेशल Ramzan Shayari in Hindi जो की आपको बहुत पसंद आने वाली जिसे आप अपने दोस्तों व परिवार के लोंग को भेज कर खुशिया बाट सकते हो वो भी बिना दुख दर्द के।
इस रमजान में हर दुआ हो जाये आपकी पूरी,
मिले खुशियां इतनी, न रहे कोई इच्छा अधूरी,
रमजान आपको बहुत बहुत मुबारक.,
जिस दिन मंदिर की घंटी से सुर मिल गया आज़ान का,
बदल जायेगा रूप उस दिन अपने हिदुस्तान का.,
जिसने बना दिया हर घर को गुलिस्ताँ,
चला जाएगा कुछ दिनों में ये मेहमान,
तोहफे में ये दिए जा रहा है ईद सबको,
अलविदा अलविदा माह-ऐ-रमजान.,
खुदा से यही दुआ है हमारी,
आप सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल,
दुनिया के सारे गम तुम्हें जाएं भूल,
चारो तरफ फैलाओं खुशियों के गीत,
इसी उम्मीद के साथ तुम्हे मुबारक हो.,
मै खुदा का शुक्रिया अदा करता हूँ जो खुदा ने,
मुझे तुम जैसा एक अच्छा दोस्त दिया है,
मेरी खुशियों में शामिल होने के लिए.,
रमज़ान का चाँद दिखा,
रोज़े की दुआ मांगी,
रोशन सितारा दिखा,
आप की खैरियत की दुआ मांगी.,
रमजान आया है, रमजान आया है,
रहमतों का बरकतों का महीना आया है,
लूट लो नेकियां जितना लूट सकते हो,
पूरे एक साल में ये ऑफर का महीना आया है.,
हटा कर जुल्फें चेहरे से न छत पर शाम को जाना,
कहीं कोई ईद न कर ले अभी रमजान बाकी है.,
गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है,
मुबारक हो आपको रमज़ान का महीना,
ये पैगाम हमनें सिर्फ आपको भेजा है.,
चांद से रोशन हो रमजान तुम्हारा,
इबादत से भरा हो रोजा तुम्हारा,
हर रोरा और नमाज़ कबूल हो तुम्हारी,
यही अल्लाह से है दुआ हमारी.,
खुशिया नसीब हो जन्नत करीब हो,
तू चाहे जिसे वो तेरे करीब हो,
कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का,
मक्का और मदीना की तुझे ज़ियारत नसीब हो.,
चुपके से चांद की रोशनी छू जाए आपको,
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको,
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से,
हम दुआ करते है मिल जाए वो आपको.,
कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है,
प्यास लगती नहीं इफ्तार गुजर जाता है.,
हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे अल्लाह.
इबादत होती नहीं और रमज़ान गुज़र जाता है.,
कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है,
प्यास लगती नहीं इफ्तार गुजर जाता है.,
हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे अल्लाह,
इबादत होती नहीं और रमज़ान गुज़र जाता है.,
सुनहरी धुप बरसात के बाद,
थोड़ी सी हंसी हर बात के बाद,
उसी तरह यह रमज़ान मुबारक हो,
पिछले रमज़ान के बाद.,
खुशियां नसीब हों और जन्नत करीब हो,
तू चाहे जिसे वो तेरे हमेशा करीब हो,
कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का तुझ पर,
मक्का और मदीना की तुझे जियारत नसीब हो.,
हम आप की याद मे उदास हैं,
बस आप से मिलने की आस है,
चाहे दोस्त कितने ही क्यों ना हो,
मेरे लिए तो आप ही सब से खास हैं.,
खुशिया नसीब हो जन्नत करीब हो,
तू चाहे जिसे वो तेरे करीब हो,
कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का,
मक्का और मदीना की तुझे ज़ियारत नसीब हो.,
रमज़ान में हो जाए सबकी मुराद पूरी,
मिले सबको ढेरों खुशियां,
ना रहे कोई इच्छा अधूरी,
आप सभी को रमज़ान मुबारक.,
चाँद से रोशन हो रमज़ान तुम्हारा,
इबादत से भर जाए रोज़ा तुम्हारा,
हर नमाज़ हो कबूल आपकी,
बस यही दुआ है खुदा से हमारी,
आप सभी को रमज़ान मुबारक.,
कोई इतना चाहे तुम्हे तो बताना,
कोई तुम्हारे इतने नाज़ उठाये तो बताना,
रमज़ान मुबारक तो हर कोई कह देगा तुमसे,
कोई हमारी तरह कहे तो बताना.,
रमज़ान में हो जाए सबकी मुराद पूरी,
मिले सबको ढेरों खुशियां,
ना रहे कोई इच्छा अधूरी,
आप सभी को रमज़ान मुबारक.,
कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है,
हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे अल्लाह,
इबादत होती नहीं और रमज़ान गुज़र जाता है.,
गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है,
मुबारक हो आपको रमज़ान का महीना,
ये पैगाम हमने सिर्फ आपको भेजा है.,
ए चांद, तू उनको मेरा पैगाम कह देना,
खुशी का दिन और हंसी की शाम देना,
जब वो देखे तुझे बाहर आकर,
उनको मेरी तरफ से रमजान मुबारक कह देना.,
अल्लाह जो बक्शे उसी में सहमत,
या खुदा हो सब पर तेरी रेहमत,,
खुशिया नसीब हो जन्नत करीब हो,
तू चाहे जिसे वो तेरे करीब हो,
कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का,
मक्का और मदीना की तुझे ज़ियारत नसीब हो.,
चाँद से रोशन हो रमज़ान तुम्हारा,
इबादत से भर जाए रोज़ा तुम्हारा,
हर नमाज़ हो कबूल आपकी,
बस यही दुआ है खुदा से हमारी,
आप सभी को रमज़ान मुबारक.,
Ramzan Mubarak Shayari
अब आइए आपको कुछ अच्छी और बढ़िया स्पेशल Ramzan Mubarak shayari आपको हम पढ़ाने जा रहे जिसे आप गूगल पर बड़ी देर से खोज रहे हो तो आइए सुरू करे यह Ramzan Shayari पढ़ना।
कोई इतना चाहे तुम्हे तो बताना,
कोई तुम्हारे इतने नाज़ उठाये तो बताना.,
रमज़ान मुबारक तो हर कोई कह देगा तुमसे,
कोई हमारी तरह कहे तो बताना.,
कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है,
प्यास लगती नहीं इफ्तार गुजर जाता है.,
हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे अल्लाह,
इबादत होती नहीं और रमज़ान गुज़र जाता है.,
सुनहरी धुप बरसात के बाद,
थोड़ी सी हंसी हर बात के बाद,
उसी तरह यह रमज़ान मुबारक हो,
पिछले रमज़ान के बाद.,
हम आपके दिल में रहते है,
इसलिए हर दर्द सहते हैं,
कोई हम से पहले विश न कर दे आपको,
इसलिए सबसे पहले,
हैप्पी रमज़ान मुबारक कहते हैं.,
गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है,
मुबारक हो आपको रमज़ान का महीना,
ये पैगाम हमने सिर्फ आपको भेजा है.,
सदा हँसते रहो जैसे हँसते हैं फूल,
दुनिया के सारे ग़म तुम्हें जाए भूल,
चारो तरफ फैलाओं खुशियों के गीत,
इसी उम्मीद के साथ मुबारक हो तुम्हें रमज़ान.,
किसी का ईमान कभी रोशन ना होता,
आगोश में मुसलमान के अगर कुरान ना होता,
दुनिया ना समझ पाती कभी भूख और प्यास की कीमत,
अगर 12 महीनों में 1 रमजान न होता.,
रमजान आया है, रमजान आया है,
रहमतों का बरकतों का महीना आया है,
लूट लो नेकियां जितना लूट सकते हो,
पूरे एक साल में ये ऑफर का महीना आया है.,
सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल,
दुनिया के सारे ग़म तुम्हें जाए भूल,
चारों तरफ फैलाओं खुशियों के गीत,
इसी उम्मीद के साथ यार तुम्हे.,
गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है,
मुबारक हो आपको रमज़ान का महीना,
ये पैगाम हमनें सिर्फ आपको भेजा है.,
चांद से रोशन हो रमजान तुम्हारा,
इबादत से भरा हो रोजा तुम्हारा,
हर रोरा और नमाज़ कबूल हो तुम्हारी,
यही अल्लाह से है दुआ हमारी.,
किसी का ईमान कभी रोशन ना होता,
आगोश में मुसलमान के अगर कुरान ना होता,
दुनिया ना समझ पाती कभी भूख और प्यास की कीमत,
अगर 12 महीनों मे 1 रमजान न होता.,
खुशिया नसीब हो जन्नत करीब हो,
तू चाहे जिसे वो तेरे करीब हो,
कुछ इस तरह हो करम अल्लाह का,
मक्का और मदीना की तुझे ज़ियारत नसीब हो.,
चुपके से चांद की रोशनी छू जाए आपको,
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको,
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से,
हम दुआ करते है मिल जाए वो आपको.,
रमज़ान में हो जाए सबकी मुराद पूरी,
मिले सबको ढेरों खुशियां,
ना रहे कोई इच्छा अधूरी,
आप सभी को रमज़ान मुबारक.,
गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है,
मुबारक हो आपको रमाजान का महीना,
ये पैगाम हमनें सिर्फ आपको भेजा है.,
कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है,
प्यास लगती नहीं इफ्तार गुजर जाता है,
हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे अल्लाह,
इबादत होती नहीं और रमजान गुजर जाता है.,
मुबारक हो आपको खुदा की दी यह जिंदगी,
खुशियों से भरी रहे आपकी यह जिंदगी,
गम का साया कभी आप पर ना आए,
दुआ है यह हमारी आप सदा यूं ही मुस्कुराएं रमजान मुबारक.,
हम आप की याद मे उदास हैं,
बस आप से मिलने की आस है,
चाहे दोस्त कितने ही क्यों ना हो,
मेरे लिए तो आप ही सब से खास हैं.,
ऐ चाँद उनको मेरा पैगाम कहना,
खुशी का दिन और हसी की हर शाम कहना,
जब वो देखे बहार आकर तो उनको मेरी तरफ से,
मुबारक हो रमज़ान कहना.,
दुनिया जिस भूख प्यास से डरती है,
इस्लाम ने इसको इबादत बना दिया.,
हमारी तरह कोई दिल से चाहे तो बताना,
हमारी तरह हर लम्हा कोई फ़िक्र करे तो बताना,
रमजान मुबारक तो हर कोई कहेगा आपको,
कोई हमारे अंदाज में कहे तो बताना.,
माहे रमजान वक्त से पहले नहीं आता मगर,
घर की हालत देख बच्चों ने रोजा रख लिया.,
नहीं मैं मोहताज किसी का एक तेरे सिवा या रब,
मेरे सजदे क़ुबूल करले मेरी साँस टूटने से पहले.,
रमजान का पाक महीना जब आता है,
खुदा अपना नूर इस धरती पर बरसाता हैं.,
रमजान आया है, रमजान आया है,
रहमतों का बरकतों का महीना आया है,
लूट लो नेकियाँ जितना लूट सकते हो,
पूरे एक साल में ये पाक महीना आया है.,
रोज़े की इबादत में ये दुआ मांगी,
आपके लिए खुदा की रहमत मांगी.,
जिसने बना दिया हर घर को गुलिस्तान,
मुबारक हो आपको माहे रमजान.,
बेजुबानों को वो जुबान देता है,
पढ़ने को फिर वो कुरान देता है,
बख्शने पे आये जब गुनाहों को,
तोहफे में गुनाहगारों को रमजान देता है.,
चाँद की पहली दस्तक पर,
चाँद मुबारक कहते है,
सब से पहले हम आप को,
रमज़ान मुबारक कहते हैं.,
तुम इबादत के लम्हों में मेरा इक काम करना,
हर सेहरी से पहले, हर नमाज़ के बाद,
हर इफ़्तार से पहले, हर रोज़े के बाद,
सिर्फ अपनी दुआ के कुछ अलफ़ाज़ मेरे नाम करना.,
रमज़ान आया है, रमज़ान आया है,
रहमतों की बरकतों का महीना आया है,
लूट लो नेकियाँ जितना लूट सकते हो,
पूरे एक साल में ये ऑफर का महीना आया हैं.,
कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है,
प्यास लगती नहीं इफ्तार गुजर जाता है,
हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे अल्लाह,
इबादत होती नहीं और रमज़ान गुज़र जाता है.,
Conclusion
यही सभी Ramzan Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।