Sharab Shayari – दोस्तों अगर आप शराब पीते हो तो आपको मालूम होगा की शराब का नशा बहीत ही प्यार होता जो जड़ने के बाद आपके सारे गम को मलहम लगा देता और आपकी सारी तकलीफ खत्म कर देता क्योंकि शराब कोई पानी नहीं बल्कि गम मे दुबे लोगों के लिए अमृत है।
इस लिए आज हम आपको यह Sharab Shayari पढ़ने जा रहे जो आपको बहुत ज्यादा पसंद आयेगी साथ में आप इन सभी Sharab Shayari Hindi को अपने उन सभी दोस्तों को भी शियर कर सकते जिनके साथ आप शराब के 2 पेग लड़ाते है.
यह शराब कोई पानी नहीं जिसे पिने से प्यास भजे बल्कि यह तो एक तरह से अम्रत समझो जिसे पिने के बाद आपकी प्यास और आपके सरे गम मिट जाते क्योकि जय इस शराब का नशा अपने बदन में उतरता तब आपके शरीर में एक अनोखा एसिड रिलीस होता जो धीरे – धीरे आपके सरे बदन में चला जाता और फिर आपके सभी दर्द और गम को कम कर देता है.
इस आप इन सभी Sharab Shayari को जरुर पढ़े क्योकि यह Shayari on Sharab कोई ऐसी वैसी शायरी नहीं बल्कि यह आपके सभी दर्द को मिटने की दवा मानी गई है. लेकिन इस कोरोना ने आपको इस शराब से पूरी तरह दूर रखा या फिर जब आप कभी किसी वजह से इससे दूर रहे हो तो उस वक्त आपको शराब की बहुत याद आती और शराब के बाद जो नशे का पल होता वह आपको और भी याद अत तो उस समय यह Sharab Shayari आपके सभी तलब को मिटा देगी.
इस लिए आज हम आपको यह Daru Shayari पढ़ाने जा रहे क्योकि जब शराब की तलब हो और आपके सामने शराब न हो तो बहुत बुरा लगता इस लिए आप इन सभी Sharab Shayri को पढ़ कर पहले तो फिल करे जिससे आपको यह लगेगा की यह Sharab Shayari आपके अन्दर एक नशा की तरह चढ़ रही फिर फिर धीरे आप बाकि शायरी पढ़े जो आपको और भी नशे में कर देगी और आप शराबी हो जाओगे. इन्ही के साथ इनको भी पढे BlackHole Apk & CarX Street Mod Apk जानकारी के लिए।
Sharab Shayari in Hindi
अब आइये आपको हम यह Sharab Shayari in Hindi की सभी बेस्ट Sharab Shayari आपको पढ़ाने जा रहे जो आपको बहुत ज्यादा पसंद आयेगी क्योकि यह शायरी आपको पूरी तरह नशीला बना देंगी.
तेरे जाने के बाद जीने की ख्वाइश ना थी,
कमबख्त शराब ने हमें मरने से बचा लिया.,
तेरे साथ बिताए लम्हों को याद कर मुस्कराता हैं,
जीने की कोई वजह नहीं फिर भी जीना चाहता हैं,
जिस दिन हो जाए दिल बहुत ज्यादा उदास,
इसे शराब के नशे में बहका कर खुश हो जाता हैं.,
जब आती है तेरी याद तो,
बीती बातें याद कर फिर से जी लेता हु मैं,
जब संभाल नहीं पता इस दिल को,
तो महखाने में जाकर शराब पी लेता हु मै.,
एक बार टूट जाए दिल तो,
फिर ना किसी से मोहब्बत दुबारा होती है,
जब आए उस बेवफा की याद तो,
फिर जीने का शराब ही सहारा होती है.,
पीता हूं जितनी उतनी ही तेरी याद आती है,
साकी ने जैसे इश्क़ मिला दिया हो तेरा शराब में.,
रहता हूँ बहका बहका तो शराबी ना समझना,
कभी किसी की यादें भी बहका दिया करती हैं.,
बारिश में आग लगाना चाहता है,
वो शराब पीला कर मुझे आज़माना चाहता है.,
माना तेरे पास हुस्न है लेकिन,
मेरे दिल के साथ ऐसे मत खेल.,
मेरे हाथों में शराब है,
जिसके आगे तेरा हुस्न है फेल.,
हमारा दिल टूटा है हम को चाय मत पिलाओ,
अगर दर्द मिटाना चाहते हो मेरा तो,
पानी में मिलाकर शराब लेकर आओ.,
शराब पीकर मैं हद से गुज़र जाता हूं,
लेकिन तुम्हें देख मैं फिर से सुधर जाता हूं.,
एक वक्त था जब तेरी आँखों से पी कर जीते थे,
लाख बुरे थे लेकिन शराब कभी नहीं पीते थे.,
उसने बोला था कि मुझे किसी भी कीमत पर पा लेगी,
हम नादान थे ना समझ सके कि वो भी धोखा देगी,
क्या पता था खुशियां छीन कर ले जाएगी मेरी,
और हाथ में शराब की बोतल थमा देगी.,
बरसात में आग लगा देती है,
शांत पड़े दिल को जगा देती है,
यह शराब है सब गम भुला देती है.,
तुम मिलो या ना मिलो,
यह किस्मत की बात है,
सकूँ मिलता है यह सोच कर,
की शराब की बोतल मेरे पास है.,
तेरा इंतज़ार करता रहूंगा,
जब तक दिल के हाथों हार नहीं जाता,
मै पीता रहूंगा शराब जब तक मर नहीं जाता.,
तुझे जीने की वजह बनाया था,
तेरे लिए मैने सब को भुलाया था,
तेरे बाद सहारा बनी शराब,
जिसे तूने हानिकारक बताया था.,
बस एक वजह है मेरे ना पीने की,
शराब है वही लेकिन अब गम नहीं भुलाती,
उनकी आंखें यह कहती रहती हैं,
लोग नाहक शराब पीते हैं.,
प्यार से भी गहरा हैं शराब का नशा,
इसे दर्द में पीने पर ही हैं, – असली मज़ा.,
निगाहे-मस्त से मुझको पिलाये जा साकी,
हसीं निगाह भी जामे-शराब होती है.,
टूटे तेरी निगाह से अगर दिल हबाब का,
पानी भी फिर पिएं तो मज़ा दे शराब का.,
ख़ुद अपनी मस्ती है जिस ने मचाई है हलचल,
नशा शराब में होता तो नाचती बोतल.,
मुझे ऐसी शराब बता ऐ दोस्त,
नशा-ए-इश्क उतार पाऊ मै.,
ग़ालिब छुटी शराब पर अब भी कभी-कभी,
पीता हूँ रोज़ अब्र शबे-महताब में.,
पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर जलील,
बादल का रंग देख के नीयत बदल गई.,
तुम्हारी नीम निगाहो में न जाने क्या था,
शराब सामने आयी तो फैंक दी मैंने.,
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी.,
रह गई जाम में अंगड़ायाँ लेके शराब,
हम से माँगी न गई उन से पिलाई न गई.,
पीने दे शराब मस्जिद में बैठ कर,
या वो जगह बता जहाँ खुदा नहीं.,
शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूं,
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया.,
Sharab Shayari Hindi
दोस्तों अब आइए आपको और अधिक नशीला बनाने के लिय आपको हम यह Sharab Shayari Hindi पढ़ाने जा रहे जो आपको देसी शराब का नशा देगा और फिर आप बाकी की बची शराब शायरी को चखना की तरह से चाट जाएंगे।
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों,
रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी,
अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख,
सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी.,
तेरी निगाह थी साक़ी कि मैकदा था कोई,
मैं किस फ़िराक में शर्मिंदा-ए-शराब हुआ.,
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है.,
आज इतनी पिला साकी के मैकदा डुब जाए,
तैरती फिरे शराब में कश्ती फकीर की.,
लड़खड़ाये कदम तो गिरे उनकी बाँहों मे,
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया.,
नतीजा बेवजह महफिल से उठवाने का क्या होगा,
न होंगे हम तो साकी तेरे मैखाने का क्या होगा.,
यूँ बिगड़ी बहकी बातों का,
कोई शौक़ नही है मुझको,
वो पुरानी शराब के जैसी है,
असर सर से उतरता ही नहीं.,
रिन्दाने-जहां से ये नफरत,
ऐ हजरते-वाइज क्या कहना,
अल्लाह के आगे बस न चला,
बंदों से बगावत कर बैठे.,
रात हम पिये हुए थे मगर,
आप की आंखे भी शराबी थी,
फिर हमारे खराब होने में,
आप ही कहिए क्या खराबी थी.,
मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर है,
करता भी क्या और तुम पर जो आ रही थी बात.,
नतीजा बेसबब महफिल से उठवाने का क्या होगा,
न होंगे हम तो साकी तेरे मैखाने का क्या होगा.,
हट गई नजरों से नजरें मैकदा सा लुट गया,
मिल गई नजरों से नजरें मैकशी होने लगी.,
साक़िया मेरी अकीदत को धोका ना देना,
मै तेरी आँख की नियत से खबरदार नहीं,
और सोच लो राह में न मुझको परेशान करना,
रास्ता जीस्त का सुना है हमबार नहीं.,
शराब इसलिए फिलहाल है नहीं पीटा,
के नाप टोल कर पीना मुझे पसंद नहीं,
तेरे वजूद से अंगड़ाई लेकर निकलेगा,
जो मैकदा अभी बोतलों में नहीं.,
मैं शराबी हू इस शराब को छोड़ू कैसे,
गम भुलाती है ये बोतल इसे तोडू कैसे,
दिल प्यासा है मेरा पी के ये बोतल साक़ी,
मै परेशान हु के बोतल को निचोड़ू कैसे.,
हम पीते है मज़े के लिए. बेवजह बदनाम गम है,
पूरी बोतल पीकर देखो दुनिया क्या बोत्तल कम है.,
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई,
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई.,
ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो,
नशा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें.,
गीरी मिली एक बोतल शराब की,तो ऐसा लगा मुझे,
जैसे बिखरा पड़ा था एक रात का सुकून किसी का.,
तौहीन ना कर शराब को कड़वा कह कर,
जिंदगी के तजुर्बे शराब से भी कड़वे होते है.,
जवानी में इस तरह मिलती हैं नज़रें,
शराबी से मिलता है जैसे शराबी.,
छीनकर हाथों से जाम,
वो इस अंदाज़ से बोली,
कमी क्या है इन होठों में,
जो तुम शराब पीते हो.,
ना करो सवाल तुम, इस बोतल से साहिब,
ये तो सबके ग़मों को दूर करती है,
सब पीते है इसको शौक़ से यहाँ पर,
ये कहा किसी को मजबूर करती है.,
पीकर भी तबियत में तल्ख़ी है गरानी है,
इस दौर के शीशों में सहबा है कि पानी है.,
दिल थामता कि चश्म पर करता तेरी निगाह,
सागर को देखता कि मैं शीशा संभालता.,
काबे में नज़र आए जो सुबह अज़ां देते,
मयख़ानों में रातों को उनका भी गुज़र देखा.,
आए थे हंसते खेलते मय-ख़ाने में फ़िराक़
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए.,
अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की.,
क्यूं मांग रहे हो किसी बारिश की दुआएं,
तुम अपने शिकस्ता दर-ओ-दीवार तो देखो.,
मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी,
तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं.,
Daru Wali Shayari
दोस्तों अब आइए आपको हम यह Daru Wali Shayari पढ़ाने जा रहे जो आपको और भी अधिक पसंद आएगी और जिसे पढ़ने के लिए आपको देसी दारू की भी जरूरत नहीं बस हमारी Daru Shayri की जरूरत होगी।
उस को आना था कि वो मुझ को बुलाता था कहीं,
रात भर बारिश थी उस का रात भर पैग़ाम था.,
शराब का नशा मुझको पागल बना देती जरूर,
ये चाय का शौक मेरा मुझे काम आ गय,
कहते हैं ये जोड़ियाँ ऊपर वाला बनाता है,
इसी लिए मैं चाय कभी बिना सिगरेट या शराब के नही पिता.,
चाय और शायरी की बात न जाने क्या थी जनाब,
इस शायरी को मेरी चाय अब बहोत पसंद आ गयी थी.,
एक चाय का कप, बारिश और तुम,
कसम से सब हार जाऊं इस पल को पाने के लिए.,
वो भी दिन थे जब हम भी पिया करते थे,
यूँ न करो हमसे पीने पिलाने की बात,
जितनी तुम्हारे जाम में है शराब,
उतनी हम पैमाने में छोड़ दिया करते थे.,
नतीजा बेवजह महफिल से उठवाने का क्या होगा,
न होंगे हम तो साकी तेरे मैखाने का क्या होगा.,
मयखाने की इज्ज़त का सवाल था हुज़ूर,सामने से गुजरे तो,
थोड़ा सा लड़खड़ा दिए.,
एक शराब की बोतल दबोच रखी है,
तुझे भुलाने की तरकीब सोच रखी है.,
शिकन न डाल जबीं पर शराब देते हुए,
यह मुस्कराती हुई चीज मुस्करा के पिला.,
शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूं,
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया.,
मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर है,
करता भी क्या और तुम पर जो आ रही थी बात.,
लोग अच्छी ही चीजों को यहाँ ख़राब कहते हैं,
दवा है हज़ार ग़मों की उसे शराब कहते हैं.,
छलक जाने दो पैमाने,मैखाने भी क्या याद रखेंगे,
आया था कोई दिवानाअपनी मोहब्बत को भुलाने.,
जाहिद ने मैकशी की इजाज़त तो दी मगर,
रखी है इतनी शर्त खुदा से छुपा के पी.,
यूँ बिगड़ी बहकी बातों का,
कोई शौक़ नही है मुझको,
वो पुरानी शराब के जैसी है,
असर सर से उतरता ही नहीं.,
न जख्म भरे,
न शराब सहारा हुई,
वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई.,
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी सी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी.,
लड़खड़ाये कदम तो गिरे उनकी बाँहों मे,
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया.,
तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की,
तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते.,
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान ना पायी,
एक हम है कि पीकर भी तेरा नाम लेते रहे.,
शायरी वो नही लिखते हैं,
जो शराब से नशा करते हैं,
शायरी तो वो लिखते हैं,
जो यादों से नशा करते हैं.,
पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी,
डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए.,
इतनी पीता हूँ कि मदहोश रहता हूँ,
सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ,
जो लोग करते हैं मुझे गिराने की कोशिश,
मैं अक्सर उन्ही के साथ रहता हूँ.,
अगर ग़म मोहब्बत पे हाबी न होता,
खुदा की कसम मैं शराबी न होता.,
इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं,
कसूर शराब का नहीं उनका है,
जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं.,
एक शराब की बोतल दबोच रखी है,
तुझे भुलाने की तरकीब सोच रखी है.,
पीते थे शराब हम उसने छुड़ाई अपनी कसम देकर,
महफ़िल में यारों ने पिलाई उसी की कसम देकर.,
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी सी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी.,
पीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों,
बादलो का रंग देख नीयत बदल गई.,
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर दोस्तों,
की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं.,
बहुत अमीर होती है ये शराब की बोतलें,
पैसा चाहे जो भी लग जाए सारे ग़म ख़रीद लेतीं हैं.,
यूँ बिगड़ी बहकी बातों का,
कोई शौक़ नही है मुझको,
वो पुरानी शराब के जैसी है,
असर सर से उतरता ही नहीं.,
तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की,
तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते.,
नशा पिला के गिराना तो,
सब को आता है,
मज़ा तो तब है कि,
गिरतों को थाम ले साक़ी.,
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है.,
अपनी नशीली निगाहों को,
जरा झुका दीजिए जनाब,
मेरे मजहब में नशा हराम है.,
टूटे तेरी निगाह से अगर दिल हबाब का,
पानी भी फिर पिएं तो मज़ा दे शराब का.,
Conclusion
यही सभी Sharab Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।