Waseem Barelvi Shayari – दोस्तों आप सभी वसीम बरेलवी को तो जानते होंगे जो की एक मशहूर शायर है, जिन्होंने अपने जीवन मे बहुत सी अच्छी – अच्छी शायरी पेस की जिसे लोगों ने खूब पसंद भी किया है। इस लिए आज हम आपको Waseem Barelvi Shayari पढ़ाएंगे जो आपको बहुत ज्यादा पसंद आएगी।
इन सभी Waseem Barelvi Shayari को जरूर पढ़िएगा ताकि आप यह जान सको की इन शायरी मे आखिर वसीम बरेलवी ने बताया क्या है। इस लिए आइए पढे इन सभी शायरी को और जब यह शायरी अच्छी लगे तब इसे आप शेयर भी कर दीजिएगा।
Waseem Barelvi Shayari in Hindi
अब आइए आपको पढ़ने जा रहे यह स्पेशल Waseem Barelvi Shayari in Hindi जो आपको पसंद आएगी क्योंकि यह सभी शायरी एक मशुहर शायर वसीम बरेलवी ने लिखी है तो आइए पढे इन सभी Waseem Barelvi Shayari in Hindi को बिना कोई परेशानी।
क्या बताऊँ कैसा ख़ुद को दर-ब-दर मैं ने किया,
उम्र-भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैं ने किया.,
तू तो नफ़रत भी न कर पाएगा इस शिद्दत के साथ,
जिस बला का प्यार तुझ से बे-ख़बर मैं ने किया.,
कैसे बच्चों को बताऊँ रास्तों के पेच-ओ-ख़म,
ज़िंदगी-भर तो किताबों का सफ़र मैं ने किया.,
किस को फ़ुर्सत थी कि बतलाता तुझे इतनी सी बात,
ख़ुद से क्या बरताव तुझ से छूट कर मैं ने किया.,
चंद जज़्बाती से रिश्तों के बचाने को वसीम,
कैसा कैसा जब्र अपने आप पर मैं ने किया.,
ज़हन में पानी के बादल अगर आये होते,
मैंने मिटटी के घरोंदे ना बनाये होते.,
डूबते शहर मैं मिटटी का मकान गिरता ही,
तुम ये सब सोच के मेरी तरफ आये होते.,
धूप के शहर में इक उम्र ना जलना पड़ता,
हम भी ए काश किसी पेड के साये होते.,
मोहब्बतो के दिनों की यही खराबी है,
ये रूठ जाएँ तो लौट कर नहीं आते,
खुशी की आँख में आंसू की भी जगह रखना,
बुरे ज़माने कभी पूछ कर नहीं आते.,
एक बिगड़ी हुई औलाद भला क्या जाने,
कैसे माँ बाप के होंठों से हंसी जाती है.,
हर शख्स दौड़ता है यहाँ भीड़ की तरफ,
फिर ये भी चाहता है उसे रास्ता मिले.,
नई उम्रों की ख़ुदमुख़्तारियों को कौन समझाये,
कहाँ से बच के चलना है कहाँ जाना ज़रूरी है.,
बहुत बेबाक आँखों में त’अल्लुक़ टिक नहीं पाता,
मुहब्बत में कशिश रखने को शर्माना ज़रूरी है.,
मेरे होंठों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो,
कि इस के बाद भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है.,
घर सजाने का तसव्वुर तो बहुत बाद का है,
पहले ये तय हो की इस घर को बचाएं कैसे.,
कोई अपनी ही नज़र से तो हमें देखेगा,
एक कतरे को समंदर नज़र आयें कैसे.,
उम्र भर तुझसे बिछड़ने की कसक ही न गयी,
कौन कहता है की मुहब्बत का असर ख़त्म हुआ.,
क्या बताऊं कैसे ख़ुद को दर-ब-दर मैंने किया,
उम्र भर किस-किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया.,
कैसे बच्चों को बताऊं रास्तों के पेचो-ख़म,
ज़िन्दगी भर तो किताबों का सफ़र मैंने किया.,
पुराने लोगों के दिल भी हैं ख़ुशबुओं की तरह,
ज़रा किसी से मिले, एतबार करने लगे.,
कोई इशारा, दिलासा न कोई वादा मगर,
जब आई शाम तेरा इंतज़ार करने लगे.,
जो देखने में बहुत ही क़रीब लगता है,
उसी के बारे में सोचो तो फ़ासला निकले.,
जुबां देता है जो ए दर्द तेरी बेज़ुबानी को,
उसी आंसू को फिर आँखों से बाहर होना पड़ता है.,
किसी को कैसे बताएँ जरूरतें अपनी,
मदद मिले न मिले आबरू तो जाती है.,
वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता,
मगर इन एहतियातों से तअल्लुक़ मर नहीं जाता.,
शराफ़तों की यहाँ कोई अहमियत ही नहीं,
किसी का कुछ न बिगाड़ो तो कौन डरता है.,
फूल तो फूल हैं आँखों से घिरे रहते हैं,
काँटे बेकार हिफ़ाज़त में लगे रहते हैं.,
ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है,
समुंदरों ही के लहजे में बात करता है.,
मोहब्बत में बिछड़ने का हुनर सब को नहीं आता,
किसी को छोड़ना हो तो मुलाक़ातें बड़ी करना.,
Hindi Shayari Waseem Barelvi
अब आइए आपको हम यह कुछ स्पेशल Hindi Shayari Waseem Barelvi पढ़ाएंगे जिसमे वसीम जी की वह सभी स्पेशल शेयरी भी प्रस्तुत है जो उनको खुद भी बहुत अच्छी लगती थी।
इसी ख़याल से पलकों पे रुक गए आँसू,
तिरी निगाह को शायद सुबूत-ए-ग़म न मिले.,
तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों,
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है.,
तुम मेरी तरफ़ देखना छोड़ो तो बताऊँ,
हर शख़्स तुम्हारी ही तरफ़ देख रहा है.,
मैं कुछ इस तरह जिया हूँ कि यक़ीन हो गया है,
मिरे बाद ज़िंदगी का बड़ा एहतिराम होगा.,
यही हादसात-ए-ग़म हैं तो ये डर है जीने वालो,
कोई दिन में ज़िंदगी का कोई और नाम होगा.,
जहाँ भी जाऊ नज़र में हूँ ज़माने की,
ये कैसा खुद को तमाशा बना लिया मैंने.,
लगता तो बेख़बर सा हूँ लेकिन ख़बर में हूँ,
अगर तेरी नज़र में हूँ तो सबकी नज़र में हूँ.,
मुझे गम है तो बस इतना सा गम है,
तेरी दुनिया मेरे ख्वाबो से कम है.,
झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गए,
और मैं था कि सच बोलता रह गया,
आँधियों के इरादे तो अच्छे ना थे,
ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया.,
कौन-सी बात कहाँ, कैसे कही जाती है,
ये सलीका हो तो हर बात सुनी जाती है.,
अपने हर लफ़्ज का ख़ुद आईना हो जाऊँगा,
उसको छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा.,
उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना जरूरी है,
जो जिन्दा हो तो फिर जिन्दा नजर आना जरूरी है.,
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है,
जो दिल में है उसे आँखों से कहलाना ज़रूरी है.,
कल एक गाँव की बुढ़िया मेरी कार से टकराई,
बोली तोहरा दोष नहीं है हमी को दिखत नाहीं.,
वो जो कहते है कहीं प्यार न होने देंगे,
हम उन्हें राह की दीवार न होने देंगे,
तो जिसे चाहे उसे रौंद के आगे निकले,
हम तेरी इतनी भी रफ्तार न होने देंगे.,
मैखाने के दर्द को किसने जाना हैं,
सबको अपनी-अपनी प्यास बुझाना हैं.,
चला है सिलसिला कैसा रातों को मनाने का,
तुम्हें हक किसने दे दिया दीयों का दिल दुखाने का.,
वो मेरी पीठ में खंजर जरूर उतारेगा,
मगर निगाह मिलेगी तो कैसे मारेगा.,
चलते-चलते राह में तुमसे अलग हो जाए हम,
कौन जाने कब तुम्हारी दुखती रग हो जाए हम.,
आत्महत्या करता जब भी धरती पुत्र किसान,
खुद से आँख मिलाते डरता मेरा हिन्दुस्तान.,
Waseem Barelvi Shayari Hindi
अब कुछ और भी अच्छी Waseem Barelvi Shayari Hindi हम आपके लिए ले आए जो आपको और भी अच्छी लगेगी तो इसी तरह से पढ़ते रहे बिना रुके।
मेरे होंठों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो,
कि इसके बाद भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है.,
तुम्हारा प्यार तो सांसों में सांस लेता है,
जो होता नशा तो इक दिन उतर नहीं जाता.,
अपनी इस आदत पे ही इक रोज़ मारे जाएँगे,
कोई दर खोले न खोले हम पुकारे जाएँगे.,
तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देता,
मेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता.,
धूप के एक ही मौसम ने जिन्हें तोड़ दिया,
इतने नाज़ुक भी ये रिश्ते न बनाये होते.,
खुद को मनवाने का मुझको भी हुनर आता है,
मैं वह कतरा हूं समंदर मेरे घर आता है.,
ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है,
समुंदरों ही के लहजे में बात करता है.,
न पाने से किसी के है न कुछ खोने से मतलब है,
ये दुनिया है,, इसे तो कुछ न कुछ होने से मतलब है.,
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे,
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे.,
तलब की राह में पाने से पहले खोना पड़ता है,
बड़े सौदे नज़र में हो तो छोटा होना पड़ता है.,
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे,
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे.,
जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा,
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता.,
वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता,
मगर इन एहतियातों से तअल्लुक़ मर नहीं जाता.,
मैं भी उसे खोने का हुनर सीख न पाया,
उस को भी मुझे छोड़ के जाना नहीं आता.,
सभी रिश्ते गुलाबों की तरह ख़ुशबू नहीं देते,
कुछ ऐसे भी तो होते हैं जो काँटे छोड़ जाते हैं.,
मुसलसल हादसों से बस मुझे इतनी शिकायत है,
कि ये आँसू बहाने की भी तो मोहलत नहीं देते.,
तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना खो चुका हूँ मैं,
कि तू मिल भी अगर जाए तो अब मिलने का ग़म होगा.,
रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी,
देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है.,
तुम मेरी तरफ़ देखना छोड़ो तो बताऊँ,
हर शख़्स तुम्हारी ही तरफ़ देख रहा है.,
हम ये तो नहीं कहते कि हम तुझ से बड़े हैं,
लेकिन ये बहुत है कि तिरे साथ खड़े हैं.,
फूल तो फूल हैं आँखों से घिरे रहते हैं,
काँटे बे-कार हिफ़ाज़त में लगे रहते हैं.,
किसी से कोई भी उम्मीद रखना छोड़ कर देखो,
तो ये रिश्ता निभाना किस क़दर आसान हो जाए.,
छोटी-छोटी बातें करके बड़े कहाँ हो जाओगे,
पतली गलियों से निकलो तो खुली सड़क पर आओगे.,
वो जितनी दूर हो उतना ही मेरा होने लगता है,
मगर जब पास आता है तो मुझ से खोने लगता है.,
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे,
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे.,
झूट वाले कहीं से कहीं बढ़ गए,
और मैं था कि सच बोलता रह गया.,
उसे समझने का कोई तो रास्ता निकले,
मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले.,
दिल की बिगड़ी हुई आदत से ये उम्मीद न थी,
भूल जाएगा ये इक दिन तिरा याद आना भी.,
तुम साथ नहीं हो तो कुछ अच्छा नहीं लगता,
इस शहर में क्या है जो अधूरा नहीं लगता.,
Conclusion
यही सभी Waseem Barelvi Shayari आप सभी को काफी पसंद आई होंगी अगर नहीं तो आप हमे कमेन्ट मे बताए हम अपने अगले पोस्ट व Hindi Shayari मे कुछ अच्छा सुधार करेंगे।